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आधे घंटे लिफ्ट में फंसी महिला, न काम आया इमरजेंसी बटन, न लगा फोन

 आधे घंटे तक हाथ पांव चलाकर शोर मचाया। इमरजेंसी बटन के साथ फोन भी लगाया

आधे घंटे लिफ्ट में फंसी महिला, न काम आया इमरजेंसी बटन, न लगा फोन
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नोएडा। आधे घंटे तक हाथ पांव चलाकर शोर मचाया। इमरजेंसी बटन के साथ फोन भी लगाया। लेकिन सभी तकनीक फेल हो गई। हम बात कर रहे है सेक्टर-119 स्थित आम्रपाली प्लेटिनम की। यहा दूसरे तल पर लिफ्ट फंस गई। अपार्टमेंट में रहने वाली दीपा पांडे भी फंस गई। ऊनकी चीख पुकार सुनने वाला कोई नहीं था।

परिजनों व ड्राइवर ने कड़ी मशक्कत के बाद लिफ्ट से उन्हें निकाला। बता दे लिफ्ट में फंसने का यहा पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार लोग लिफ्ट में फंस चुके है। लेकिन प्राधिकरण व जिला प्रशासन की ओर से इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। दीपा पांडे परिवार के साथ आम्रपाली प्लेटिनम सोसाइटी में रहती है। दोपहर एक बजे के करीब वह परिवार के साथ बाहर जा रही थी। ऐसे में बाकी परिवार वाले पहले ही बिल्डिंग के बेसमेंट (पार्किंग) में पहुंच गए थे।

ड्राइवर पहले से ही महिला के साथ था। वह थोड़ी देर बार लिफ्ट से पार्किंग पहुंच रही थी। लेकिन दूसरे तल पर लिफ्ट फंस गई। उन्होंने पहले तो लिफ्ट में लगा इमरजेंसी बटन दबाया। इसके बाद लिफ्ट में लगा फोन से ऑपरेटर को फोन लगाया। लेकिन बेल नहीं गई। उनके पास मोबाइल में भी नेटवर्क नहीं था। लिहाजा वह हाथ पांव चलाने लगी।

जोर-जोर से चिल्लाने लगी। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। करीब आधे घंटे बाद भी जब दीपा पार्किंग स्थल नहीं पहुंची, तो परिवार वाले अपार्टमेंट पहुंचे। यहा ताला लगा था। पता चला कि लिफ्ट फंस गई है। परिवार वाले तुरंत मेंटेनेंस ऑफिस गए। वह भी लिफ्ट को चालू नहीं कर सके। इसके बाद लिफ्ट मेन को बुलाया गया।

करीब 20 मिनट तक यह पता चल नहीं सका कि लिफ्ट कहा फंसी है। काफी देरबाद परिजनों की मदद से लिफ्ट मेन ने दरवाजा खोलकर दीपा पांडे को लिफ्ट से बाहर निकाला। पीड़ित दीपा ने बताया कि वह प्रत्येक महीने बिल्डर को चार हजार रुपए मैटेनेंस के देते है। इसके बाद भी इस तरह की लापरवाही हो रही है।


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