सुप्रीम कोर्ट ने हल्दवानी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है...सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रातों-रात 50 हजार लोगों को हटाया नहीं जा सकता है

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को गिराने का आदेश दिया था...सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब उस जमीन पर कोई कंस्ट्रक्शन और डेवलपमेंट नहीं होगा...कोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है...बल्कि हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है...सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाकर 50 हजार लोगों को राहत दी है...तो वहीं राज्य की बीजेपी सरकार को मुंह की खानी पड़ी है...सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रातों-रात 50 हजार लोगों को हटाया नहीं जा सकता...सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार और रेलवे को नोटिस भी जारी किया है...हल्द्वानी में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद से ही लोगों का विरोध प्रदर्शनों शुरू हो गया था...हाई कोर्ट के फैसले के बाद 8 जनवरी को हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर बसी वनभूलपुरा बस्ती पर बुलडोजर चलाने का आदेश था...जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है...बस्ती को खाली कराने को लेकर लोगों में नाराजगी थी...कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत भी इस मामले को लेकर हल्द्वानी में उपवास पर बैठे हैं ...रावत ने कहा कि पुराने समय से रह रहे लोगों का पुनर्वास किया जाना जरूरी है...आपको बता दें कि उत्तराखंड के हल्द्वानी का ये विवादित इलाका 2.2 किलोमीटर में फैला है...इस इलाके में गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर बसे हैं...ये तीनों इलाके हल्द्वानी के वनभूलपुरा इलाके का हिस्सा हैं...यहां तीन सरकारी स्कूल, 11 प्राइवेट स्कूल, 10 मस्जिद, 12 मदरसे, एक पब्लिक हेल्थ सेंटर और एक मंदिर भी बना है... हल्द्वानी में जिस जमीन को लेकर विवाद है,उस पर चार हजार परिवार रहते हैं...रेलवे का कहना है कि उनके पास पुराने नक्शे और रेवेन्यू रिकॉर्ड हैं, जो जमीन पर उनका दावा साबित करते हैं...हालांकि विरोध कर रहे लोगों का दावा है कि वो यहां पीढ़ियों से रहते हैं...पिछले साल 20 दिसंबर को नैनीताल हाईकोर्ट ने रेलवे को जमीन खाली करने का आदेश दिया था।


