हज यात्रा हुई महंगी, सब्सिडी खत्म
मोदी सरकार ने हज यात्रा पर जाने वाले मुसलमानों को करारा झटका दिया है। केंद्र सरकार ने हज यात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी पूरी तरह खत्म कर दी है

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने हज यात्रा पर जाने वाले मुसलमानों को करारा झटका दिया है। केंद्र सरकार ने हज यात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी पूरी तरह खत्म कर दी है। हर साल एक लाख 75 हजार हज यात्रियों को सब्सिडी दी जाती थी। पिछले साल केंद्र सरकार ने हज यात्रा पर जाने वाले मुसलमानों पर 405 करोड़ रुपए खर्च किए थे। ये पैसा किराए में सब्सिडी के तौर पर दिया गया था।
केंद्र सरकार ने नई हज नीति के तहत यह फैसला लिया है। ज्ञात हो कि इससे पहले मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को बिना मेहरम के हज पर जाने की इजाजत दी थी। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसकी जानकारी दी। अब पौने दो लाख लोग बिना सबिस्डी के हज यात्रा पर जाएंगे। अल्पसंख्यक मामलों के केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हज यात्रियों को 2018 से यात्रा सब्सिडी नहीं मिलेगी।
सरकार ने यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के 2012 के फैसले के मद्देनजर किया है जिसमें हज सब्सिडी 2022 तक धीरे-धीरे खत्म करने का निर्देश दिया गया था। नकवी ने कहा कि सब्सिडी की इस राशि को सरकार मुस्लिम समाज खासकर मुस्लिम महिलाओं के शैक्षिक सशक्तीकरण पर व्यय करेगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष देश से हज पर जाने वाले लोगों का कोटा पांच हजार बढ़ा दिया गया है और अब एक लाख 75 हजार यात्री हज पर मक्का मदीना जाएंगे। इनमें से एक लाख 41 हजार लोग हज कमेटी के माध्यम से जाएंगे। पिछले साल कुल एक लाख 70 हजार लोग हज करने गए थे।
अगले माह से हज यात्रा के लिए ड्रॉ निकाला जाएगा
उन्होंने बताया कि अगले माह से हज यात्रा के लिए ड्रॉ निकाला जाएगा। अब तक करीब चार लाख आवेदन आए हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि 2012 में हज के लिए करीब 700 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाती थी और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद से सरकार धीरे-धीरे सब्सिडी कम करती जा रही थी और गत वर्ष सब्सिडी की राशि 250 करोड़ रुपए थी।
सब्सिडी की राशि एअर इंडिया में चली जाती थी
उन्होंने कहा कि सब्सिडी की राशि दरअसल एअर इंडिया में चली जाती थी। उन्होंने कहा कि हज जाने वालों को यात्रा के सस्ते विकल्प के रूप में समुद्र के रास्ते द्रुतगामी क्रूज सेवा भी शुरू की जाएगी, जिससे दो से तीन दिन में पहुंचा जा सकेगा। जबकि पहले पानी के जहाजों पर एक तरफ की यात्रा में एक-डेढ़ महीने तक लग जाते थे। नकवी ने बताया कि बिना महरम के हज जाने वाली तेरह सौ महिलाओं का चयन लॉटरी के माध्यम से कर लिया गया है। उनकी मदद के लिये महिला हज सहायकों को नियुक्त किया गया है।
चिकित्सा एवं दवा और सुरक्षा की सुविधा जारी रहेगी
हज के दौरान उनके ठहरने एवं आने जाने के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि सब्सिडी खत्म करने के बावजूद सरकार द्वारा हज यात्रियों के लिए चिकित्सा एवं दवा और सुरक्षा की सुविधा जारी रहेगी। इस फैसले के राजनीतिक परिणामों के बारे में बात करते हुए नकवी ने कहा कि यह 'गरिमा के साथ हज' को सुलभ करने के लिए लिया गया अच्छा फैसला है। मुसलमानों के मजहबी रिवाज में सब्सिडी के साथ हज करना मान्य नहीं है। सब्सिडी को पिछली सरकारों ने तुष्टीकरण की नीति के तहत शुरू किया था।
कांग्रेस-भाजपा आई आमने-सामने
कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि यह कहना पूरी तरह से गलत है कि हज सब्सिडी फंड से एजेंटों और कुछ कंपनियों को फायदा होता था। मामले को मुसलमानों के आत्मसम्मान से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी 10 साल के अंदर हज सब्सिडी को आहिस्ता-आहिस्ता खत्म करने का निर्देश दिया था। वहीं, भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि साल 2012 से ही हज सब्सिडी खत्म करने की शुरुआत हुई थी।


