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सिमगा में मिला चोटी काटने वाला कीड़ा

बाल कटने वाली घटनाओ की सच्चाई पर से पर्दा उठ गया है। ग्राम किरवई में घनश्याम जोशी ने बाल काटने वाले कीड़े को बाल काटते पकड़कर प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दामाखेड़ा को सौंप दिया है

सिमगा में मिला चोटी काटने वाला कीड़ा
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सिमगा। बाल कटने वाली घटनाओ की सच्चाई पर से पर्दा उठ गया है। ग्राम किरवई में घनश्याम जोशी ने बाल काटने वाले कीड़े को बाल काटते पकड़कर प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दामाखेड़ा को सौंप दिया है। वही पुलिस ने भी संभावना व्यक्त किया है, कि बाल कटने की घटना अंधविश्वास न होकर कीड़े के द्वारा काटे जाने की वजह से हो सकती हंै। ग्रामीणो ने बाल काटने वाले कीड़े की प्रजाति को पहचानने से इंकार किया हंै।

देश एवं प्रदेश मे बाल कटने की घटनाओं के चलते महिलाओ में दहशत व्याप्त है। यह मामला पुलिस प्रशासन के लिए भी एक चुनौती बन गया हंै। कोई इसे जादू टोना से जोड़कर बता रहा हैं तो कोई इसे शरारती तत्वो की हरकत बताने लगा हंै। बाल कटने की घटना ने रहस्य का रूप ले लिया हंै। दिल्ली व उसके आसपास में घटी घटना छत्तीसगढ़ मे मुंगेली, दामाखेड़ा व किरवई में घटित हुई हैं। क्षेत्र में महिलाओ में दहशत बनी हंै।

ग्रामीण महिलाऐं बताती हंै, कि रात में शौच जाने पर या लघु शंका जाने के कुछ समय बाद महिलाओं की चोटी कटी मिलती है। पीड़ित महिला को तेज सिरदर्द के साथ शरीर में कपकपी और बेहोशी आ जाती हंै। होश में आने पर महिला को कुछ पता नही रहता कि चोटी कैसे कटी हंै। इसी तारतम्य में सिमगा ब्लॉक के दामाखेड़ा में एक हफ्ते पूर्व संतराम सतनामी की विवाहित पुत्री अनीता अपनी जचकी कराने पिता के घर आई हुई थी।

तभी शौच जाने के बाद पता चला कि उसकी चोटी कट गई है। घटना की जानकारी लगते ही बलौदाबाजार एस.पी.आर.एन.दास ने मौके पर पहुंचकर पीड़िता से पुछताछ किया। उन्होने भी जादू टोना से इंकार करते हूए टी.आई.रमेश मरकाम सिमगा को जांच करने का निर्देश दिया। पुलिस इस घटना को शरारती तत्व द्वारा यह मान रही थी। तभी शुक्रवार रात ग्राम किरवई रीना पति अशोक पूरैना की भी चोटी कट गईं।

जिससे क्षेत्र में दहशत व्याप्त हो गया। लोग अंधविश्वास से जोड़कर घरो में नीबू मिर्च टांगने लगे हंै। उसी ग्राम किरवई मे शनिवार की रात घनश्याम जोशी पिता गंगादास जोशी ने अपनी पत्नी के बालो मे कीड़ा देखा जो बाल काट रहा थां। कीड़ा देखने में गहरे काले रंग का है। जिसके मुंह के पास दो आरीनुमा मुंछ है। उसी के सहारे उक्त कीड़ा बालो को काट रहा था। घनश्याम जोशी ने कीड़े को पकड़कर बाल काटते मोबाईल द्वारा वीडियो बनाया। तथा कीडे को रात में ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दामाखेड़ा ले जाकर वहां पदस्थ स्वीपर को जानकारी देकर सौंप दिया।

बनाये गये वीडियो को घनश्याम ने टी.आई. सिमगा एवं अपने परीचितों को भेजा। रविवार की सुबह रमेश मरकाम टी.आई. ने किरवई पहुंचकर जानकारी लीे। प्रतिनिधि से चर्चा मे टी.आई. मरकाम ने संभावना व्यक्त कि हो सकता है उक्त घटना जहरीले कीड़े के द्वारा किया गया हो। जांच मे सत्यता सामने आयेगी। वहीं जब प्रतिनिधि दामाखेड़ा पहुंचे तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंद मिला। वहीं पर स्वीपर मिला। जिसने हमे कीड़ा को डब्बे से निकालकर दिखाया। उसने बताया कि शनिवार रात 10 बजे लगभग घनश्याम जोशी मेरे पास आकर कीड़ा देते हूए बताया कि यह बाल काटने वाला कीड़ा है। स्वीपर की अज्ञानता के चलते बंद डिब्बे में पड़े पड़े कीड़ा मर चुका था।

प्रतिनिधि ने स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी श्रीमति चंद्रकला मेडम से मोबाईल में चर्चा किया तो उन्होने जानकारी नही होना बताया। वहीं बी.एम.ओ. डॉ. पी. एल. चंदन का कहना है कि मुझे कीड़ा पकड़े जाने की कोई जानकारी स्वास्थ्य केन्द्र दामाखेड़ा द्वारा नही दी गईं वहीं उन्होने बाल काटने वाले कीडे के बारे में कहा कि कही भी मेडिकल साइंस मे उल्लेख होने से इंकार करते हूए कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। ग्रामीणजनों में चर्चा हैं,कि बाल काटते समय कीड़े का जहरीला कांटा चुभने से पीड़ित महिला के सर मे दर्द एवं बेहोशी आ जाता होगा।

घनश्याम जोशी का कहना है कि उक्त कीड़ा हमारे क्षेत्र में पहली बार दिखाई दिया है। उल्लेखनीय हैं, कि प्रशासन उक्त मामले की सुक्ष्मता से जांच कर चोटी कटने की घटना पर से पर्दा उठायेगा। यह चोटी कटने वाली घटना के पीछे कीड़े द्वारा काटे जाने की सत्यता उजागर हुई तो देश की राजधानी से लेकर अन्य प्रांतो में हो रही रहस्यमयी चोटी कटने की घटना के पीछे का रहस्य पर से पर्दा उठ जायेगा।

रासायनिक पदार्थो की अंधाधुन्ध उपयोग एवं पर्यावरण के बदलते स्वरूप के चलते जीव वैज्ञानिको को सोचने पर मंजबूर कर देगा कि हमारे आसपास नये नये जीव जंतु पैदा हो रहे हंै। जो मानव जीवन के लिए खतरनाक हो सकते हंै।


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