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हादसे को दावत दे रहा नाले पर अतिक्रमण

अतिक्रमण और वो भी पुलिस और निगम के ठीक सामने, तो है न चौकाने वाली बात

नई दिल्ली। अतिक्रमण और वो भी पुलिस और निगम के ठीक सामने, तो है न चौकाने वाली बात। जिम्मेदार अधिकारी अपने काम से बचते रहे तो नाले पर कई होटल खुल गए और पक्के मकान भी बन गए। ऐसा ही नजारा पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर स्थित नाले पर देखने को मिलता है, जहां नाले पर ही कई खाने के होटल चल रहे है। जिन पर न तो पुलिस कार्रवाही करती है न ही क्षेत्र के प्रतिनिधी। बता दें कि न्यू अशोक नगर के बीचों बीच से गुजरने वाला यह नाला जल बोर्ड की नजर में कच्चा व क्षतिग्रस्त हो चुका है। जिसके बाद क्षेत्र में नए नाले का निर्माण किया गया। उसके बावजूद भी नाले पर रेस्टोरेंट होटलों का खुलना हादसे को खुली दावत दे रहा है। ऐसे में यदि कोई हादसा हो जाता है तो उसके जिम्मेदार क्षेत्र के प्रतिनिधी होंगे या फिर जल बोर्ड निगम के अधिकारी।

सड़क पर अतिक्रमण से परेशान क्षेत्रिय निवासी
आखिर कब मिलेगी इस जाम से निजात। यह सवाल न्यू अशोक नगर के रहवासियों का है। जिसका जवाब जनप्रतिनिधि देने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। वैसे तो क्षेत्र के प्रत्येक मार्ग पर अतिक्रमण किया गया है, लेकिन क्षेत्र की मुख्य रोड पर तो अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण करने की हदें पार कर दी हैं। यहीं रोड क्षेत्र में आने-जाने का मुख्य मार्ग है। लेकिन दुकानदारों द्वारा सड़क के दोनों ओर 5 से 10 फीट बाहर सामान रखने व दोनों ओर सब्जी वालों की दुकानें तथा ठेले वालों ने अतिक्रमण के चलते लगभग हर आधे घण्टे में जाम की स्थिति बन जाती है।

इसके अलावा ग्राहकों द्वारा बेतरतीब तरीके से खड़े किए गए वाहनों के कारण आवागमन बुरी तरह प्रभावित होता है। वहीं इस समस्या के चलते दुपहिया चालक व पैदल राहगीरों का निकलना भी मुश्किल हो रहा है। इतना ही नहीं कई बार पैदल राहगीर और दुपहिया वाहन चालक बड़े चौपहिया वाहनों की चपेट में आकर दुर्घटना का दंश झेल चुके हैं। सब्जी फल विक्रेताओं की रेहड़ी ठेली संचालक एक-दूसरे से आगे आने के चक्कर में सड़क के मध्य जाते हैं। हालात सबसे ज्यादा शाम के समय खराब बनते हैं। जहां विक्रेता ठेलों को सड़क के मध्य खड़ा करने के साथ ही वाहनों पैदल राहगीरों का सड़क पर दबाव बढ़ जाता है। जिससे हर पल दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। आपकों बता दें कि दिल्ली नगर निगम चुनाव होने के बाद आरडब्लूए की सभी बैठकों में नवनिर्वाचित पार्षदों से अतिक्रमण की शिकायतें की गई है। उसके बावजूद भी अभी तक न तो क्षेत्र की किसी आरडब्लूए ने इस तरफ ध्यान दिया न ही किसी जनप्रतिनिधी ने।


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