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ग्वालियर से जयपुर 135 किलोमीटर घट गई दूरी, चंबल के इस नए पुल से हुआ यह सफर आसान

अब ग्वालियर-मुरैना फोरलेन से करौली के चंबल का अटार पुल पार करते ही राजस्थान के करौली के मंडरायल पहुंच सकेंगे। मप्र के सबलगढ़ से करौली 45 किमी, कैलादेवी 60 किमी ही पड़ेगा

ग्वालियर से जयपुर 135 किलोमीटर घट गई दूरी, चंबल के इस नए पुल से हुआ यह सफर आसान
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ग्वालियर: जयपुर अब ग्वालियर के 135 किलोमीटर करीब आ गया है। करौली जिले में मंडरायल के पास अटार घाट पर चम्बल नदी पर 1150 मीटर लम्बा पुल बनकर तैयार है अब बस उद्घाटन का इंतजार है। यह एमपी के मुरैना, सबलगढ़, ग्वालियर, भोपाल और जयपुर, करौली, दौसा, सवाई माधोपुर से जोड़ेगा। इससे अब ग्वालियर से जयपुर की दूरी कम हुई है। पहले धौलपुर होकर यह दूरी 370 किमी थी। अब मंडरायल में पुल बनने से यह दूरी 235 किमी रह गयी है। इस
पुल के बनने से सबसे बड़ा लाभ मध्यप्रदेश से कैलादीेवी, करौली, मदनमोहन जी, मेहंदीपुर बालाजी आने -जाने वालों को होगा। पुल का काम पिछले दिनों ही पूरा हुआ है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस के बीच लोकार्पण का पेच फंसा हुआ है। लेकिन वाहन चलने लगे हैं।

यहां से रहेगा रास्ता

पहले ग्वालियर से धौलपुर, बाड़ी, बसेड़ी होते हुए करौली, जयपुर आते-जाते थे। सबलगढ़, मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर, विजयपुर सहित कई शहरों की राजस्थान से कनेक्टिविटी आसान होगी। अब ग्वालियर-मुरैना फोरलेन से करौली के चंबल का अटार पुल पार करते ही राजस्थान के करौली के मंडरायल पहुंच सकेंगे। मप्र के सबलगढ़ से करौली 45 किमी, कैलादेवी 60 किमी ही पड़ेगा। पहले यह दूरी धौलपुर होते हुए 100 किमी थी।

पुल की विशेषताएं

  • 3 साल में तैयार पुल

  • 126.78 करोड़ की लागत

  • 1150 मीटर लंबा व 16 मीटर चौड़ा

  • 28 मीटर गहराई पर टिके हैं 24 पिलर


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