गुटखा घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाए : मद्रास उच्च न्यायालय
मद्रास उच्च न्यायालय ने करोड़ों रुपये के गुटखा घोटाला मामले को बहुत गंभीर बताते हुए अाज पूछा कि क्यों नहीं इस घोटाले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराई जाए
चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने करोड़ों रुपये के गुटखा घोटाला मामले में एक राज्य मंत्री और पुलिस महानिदेशक स्तर के एक पुलिस अधिकारी के शामिल होने के आरोपों को बहुत गंभीर बताते हुए अाज पूछा कि क्यों नहीं इस घोटाले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच करायी जाए।
मुख्य न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने यह टिप्पणी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की ओर से याचिका दायर पर सुनवाई के दौरान की।
याचिका में घोटाले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति ने सुनवाई के दौरान जब आरोपों को सुना तो इसे अत्यंत गंभीर प्रकृति का बताया। द्रमुक ने याचिका में कहा है कि गुटखा और पान मसाला की खरीद-बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध है।
गत वर्ष जुलाई में “एमडीएम” ब्रांड का गुटखा बनाने वालो और बेचने वालाे के विभिन्न परिसरों की छापेमारी के दौरान आयकर अधिकारियों को गुटखा उत्पादों की अवैध बिक्री जारी रखने के लिए शीर्ष लोगों को रिश्वत देने के आरोपों के सबूत भी हाथ लगे।
आयकर विभाग के प्रधान निदेशक ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा,“एक मंत्री और कई नौकरशाहों को रिश्वत की राशि दिये जाने की खाताबही है तथा राशि भी जब्त की गई है और आपसे मामले की जांच कराये जाने और कार्रवाई करने का आग्रह करते है।”


