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कर्नाटक के विकास में गुजराती भी अहम योगदान दे रहे हैं : जोशी

केंद्रीय संसदीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस की भूमि है

कर्नाटक के विकास में गुजराती भी अहम योगदान दे रहे हैं : जोशी
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अहमदाबाद। केंद्रीय संसदीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस की भूमि है तथा इसके विकास में गुजराती भी अहम योगदान दे रहे हैं।

श्री जोशी ने गुजरात के अहमदाबाद में कर्नाटक संघ-अहमदाबाद की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हीरक जयंती समारोह के अंतर्गत ‘कर्नाटक दर्शन 2022’ के शुभारंभ अवसर पर कहा कि कर्नाटक स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस की भूमि है। कर्नाटक के विकास में गुजरातियों भी अहम योगदान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के कारण ही आज देश वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांचवे स्थान पर पहुंचा है जिसमें गुजरात और कर्नाटक, दोनों राज्यों का महत्वपूर्ण योगदान है।

उन्होंने कहा कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के अवसर पर हमने अपनी अनूठी राष्ट्रीय एकता के दर्शन कराए थे। कोरोना के समय में हमने इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण कर सामूहिक प्रयासों के जरिए सफलता का एक और परिचय दिया था।

राज्य के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने इस मौके पर कहा कि आज कर्नाटक संघ अपनी स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है साथ ही देश भी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि भले ही हम सभी व्यापार-रोजगार के लिए अलग-अलग राज्य या शहरों में बसे हैं हरेक राज्य में अलग-अलग जात-पात या संस्कृति के लोग बसे हों, लेकिन ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के दौरान हम सभी ने एक साथ मिलकर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का ऐसा अनूठा दृश्य प्रस्तुत किया था जिसे पूरी दुनिया ने देखा था।

श्री संघवी ने कहा कि आजादी के समय अहमदाबाद में 100 से अधिक टेक्सटाइल मिलें थीं, जिसमें काम करने के लिए कर्नाटक से कई लोग यहां आकर बसे थे। आज ये सभी लोग कर्नाटक के कम और गुजराती ज्यादा बन गए हैं। आज वे ‘सवाया गुजराती’ यानी गुजराती से बढ़कर विशेष गुजराती बन गए हैं। उन्होंने कहा कि आज गुजरात में टेक्सटाइल, शिक्षा, बैंकिंग और सॉफ्टवेयर जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत चार लाख से अधिक कर्नाटक के लोग गुजरात के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। इसी तरह गुजरात के युवा भी आज शिक्षा के लिए बड़ी संख्या में कर्नाटक जाते हैं।


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