Top
Begin typing your search above and press return to search.

गुजरात पुलिस ने साइबर अपराधियों पर कसा शिंकजा, अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़

गुजरात पुलिस ने कई बड़े ऑपरेशन चलाकर साइबर अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई की है, हाई-प्रोफाइल फ्रॉड नेटवर्क को खत्म किया है और लोगों को डिजिटल जाल से बचाया है जो पूरे भारत और उसके बाहर फैले हुए थे

गुजरात पुलिस ने साइबर अपराधियों पर कसा शिंकजा, अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़
X

अहमदाबाद। गुजरात पुलिस ने कई बड़े ऑपरेशन चलाकर साइबर अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई की है, हाई-प्रोफाइल फ्रॉड नेटवर्क को खत्म किया है और लोगों को डिजिटल जाल से बचाया है जो पूरे भारत और उसके बाहर फैले हुए थे।

गुजरात साइबर क्राइम सेल ने 18 नवंबर को ग्लोबल साइबर सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया। साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस टीम ने नीलेश पुरोहित नाम के शख्स को गिरफ्तार किया, जो एक अंतर्राष्ट्रीय साइबर गुलामी रैकेट का मास्टरमाइंड था। यह रैकेट भारतीय युवाओं को म्यांमार और कंबोडिया के स्कैम कैंप में भेजता था, ये कैंप कथित तौर पर चीन के क्रिमिनल नेटवर्क चलाते थे।

गुजरात के उपमुख्यमंत्री हर्ष सांघवी ने इस कामयाबी की तारीफ करते हुए कहा कि इस कार्रवाई ने साइबर गुलामी रैकेट के पीछे के बड़े और डरावने इंटरनेशनल नेटवर्क का पर्दाफाश किया। उन्होंने कहा कि पुरोहित पहले ही सैकड़ों मासूम लोगों को नौकरी का वादा करके और उन्हें साइबर फ्रॉड ऑपरेशन में धकेलकर उनकी ट्रैफिकिंग कर चुका था।

एसपी राजदीपसिंह झाला ने डिटेल में बताया कि कैसे साइबर टीम ने सावधानी से क्रॉस-बॉर्डर लिंक को ट्रैक किया और हजारों मील दूर बैठे अपराधियों को जोड़ने वाले मुश्किल जाल को तोड़ा।

20 नवंबर को सूरत साइबर पुलिस डिजिटल गिरफ्तारी के एक डरावने मामले में तुरंत हरकत में आई।

डीसीपी बिशाखा जैन ने कहा कि एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी, अमित देसाई, को जांच टीम का हिस्सा बनकर फ्रॉड करने वालों ने फंसा लिया। उन्हें मानसिक रूप से बंधक बना लिया गया था और वे अपनी जिंदगी की बचत ट्रांसफर करने से बस कुछ ही पल दूर थे।

साइबर सेल ने तेजी दिखाई और देसाई को आगाह किया है और अपनी जिंदगी की बचत को ट्रांसफर करने से रोका। यह कार्रवाई आज शुरू नहीं हुई। गुजरात पुलिस ने मई महीने से अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा में साइबर नेटवर्क पर नकेल कैसा है।

अहमदाबाद साइबरक्राइम ब्रांच ने कड़ी कार्रवाई की।

16 मई: कंबोडिया और नेपाल से काम करने वाले चीन से जुड़े एक सिंडिकेट के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने प्रणय भावसार का बैंक अकाउंट हैक करके 48.85 लाख रुपए निकाल लिए।

14 मई: 14.94 लाख रुपए के डिजिटल अरेस्ट स्कैम के पीछे दो लोगों को सूरत से पकड़ा गया।

2 मई: दुबई से स्कैम चलाने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया गया।

7 मई: वापी के राहुल चौधरी को नकली फॉरेक्स ट्रेडिंग स्कीम के जरिए पीड़ितों से 9.30 लाख रुपए ठगने के आरोप में पकड़ा गया।

15 मई: अमित कुमार और सुमित कुमार ठाकुर को 98.85 लाख रुपए के साइबर फ्रॉड के लिए गिरफ्तार किया गया।

16 मई: एक 90 साल के आदमी को डिजिटली गिरफ्तार किया गया और उनसे 1.15 करोड़ रुपए की ठगी की गई। नेपाल के रहने वाले पार्थ गोपानी को लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़ा गया।

16 मई: क्रुणालसिंह सिसोदिया को एक बुजुर्ग को डिजिटली गिरफ्तार करने और उनसे 22 लाख रुपए की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

राजकोट साइबर टीम ने डिजिटल अंडरवर्ल्ड का पर्दाफाश किया।

2 मई: गैर-कानूनी ऑनलाइन बेटिंग साइट्स को बढ़ावा देने वाले 9 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के खिलाफ कार्रवाई की गई।

3 मई: रघुवीर सिंह चौहान को गुजरात-महाराष्ट्र बॉर्डर पर नकली ऑनलाइन प्रोफाइल चलाने और लोगों से ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

वडोदरा साइबर सेल ने करोड़ों रुपए बरामद किए।

2.71 करोड़ रुपए के ऑनलाइन फ्रॉड केस में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा बरामद किए गए।

23 लाख रुपए के डिजिटल अरेस्ट स्कैम के पीछे के फ्रॉडस्टर को पुणे में गिरफ्तार किया गया।

ग्लोबल सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने से लेकर मौके पर पहुंचकर नागरिकों को बचाने तक, गुजरात पुलिस ने दिखा दिया है कि साइबर क्रिमिनल, चाहे वे कहीं भी छिपे हों, कानून के हाथ से बच नहीं सकते।

साइबर क्राइम सेल की तेजी, इंटेलिजेंस और त्वरित कार्रवाई एक साफ मैसेज दे रहे हैं कि अगर आप साइबर क्राइम करते हैं तो गुजरात पुलिस आपको ढूंढ लेगी, चाहें आप कहीं भी हों।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it