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सीएम भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक, चिंतन शिविर होगा आयोजित

राज्य सरकार का 12वां वार्षिक चिंतन शिविर वलसाड जिले के धरमपुर के निकट श्रीमद् राजचंद्र आश्रम में 13 से 15 नवंबर 2025 तक आयोजित किया जाएगा

सीएम भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक, चिंतन शिविर होगा आयोजित
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गुजरात सरकार का 12वां चिंतन शिविर 13 नवंबर से वलसाड में आयोजित होगा

  • 'सामूहिक चिंतन से सामूहिक विकास' थीम पर गुजरात सरकार का वार्षिक चिंतन शिविर
  • राज्य मंत्रियों और अधिकारियों का विचार-मंथन शिविर, ट्रैकिंग और योग भी होंगे शामिल

गांधीनगर। राज्य सरकार का 12वां वार्षिक चिंतन शिविर वलसाड जिले के धरमपुर के निकट श्रीमद् राजचंद्र आश्रम में 13 से 15 नवंबर 2025 तक आयोजित किया जाएगा। इस शिविर में राज्य मंत्रिमंडल के मंत्री, वरिष्ठ सचिव और प्रशासनिक अधिकारी भाग लेंगे।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में गांधीनगर में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में इस वार्षिक चिंतन शिविर के आयोजन को हरी झंडी दी गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, राज्य सरकार के प्रशासन को अधिक जनोन्मुखी, जनहित-केंद्रित बनाकर शासन में सुगमता की कार्यसंस्कृति विकसित करने के लिए 2003 से इस सामूहिक वार्षिक चिंतन शिविर की शुरुआत की है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस वर्ष 12वें वार्षिक चिंतन शिविर का आयोजन किया है, जो उस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए प्रशासनिक व्यवस्था को समयबद्ध तकनीक और पारदर्शिता के साथ संवेदनशीलता प्रदान करके एक नई दिशा प्रदान करता है।

राज्य सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा आयोजित 12वें वार्षिक चिंतन शिविर का स्थायी विषय 'सामूहिक चिंतन से सामूहिक विकास की ओर' रखा गया है।

इस वर्ष के चिंतन शिविर में सामूहिक चिंतन और विचार-मंथन के लिए तैयार किए गए विषयों की सूची में पोषण एवं जन स्वास्थ्य, सेवा क्षेत्र का विकास एवं विविधीकरण, विकसित गुजरात के लिए क्षमता निर्माण, जन सुरक्षा, हरित ऊर्जा और पर्यावरण जैसे विषय शामिल हैं।

इस तीन दिवसीय चिंतन शिविर के दौरान, रात्रि में ट्रैकिंग, साइकिलिंग, उन्नत ध्यान योग, और विभिन्न खेलों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने की योजना है।

इस शिविर में भाग लेने वाले शिविरार्थी वंदे भारत ट्रेन से एक समूह में यात्रा करके 13 नवंबर को वलसाड पहुंचेंगे और शिविर समाप्त होने के बाद भी ट्रेन से अहमदाबाद लौटेंगे।

शिविर का उद्घाटन सत्र 13 नवंबर की दोपहर को होगा, और शेष दो दिनों में पूरे दिन विभिन्न चर्चा सत्र, समूह चर्चा बैठकें आयोजित की जाएंगी, और उनमें विषय विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे।


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