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अत्याधुनिक तकनीक से कानून व्यवस्था को कायम रखती है गुजरात पुलिस : वेंकैया

उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि गुजरात पुलिस सुरक्षा सेतु, साइबर सुरक्षा, गुजरात पुलिस पोर्टल, ई-गुजकॉप और पिनाक सॉफ्टवेयर जैसी अत्याधुनिक तकनीक युक्त नए आयामों के जरिए कानून व्यवस्था को कायम रखती है

अत्याधुनिक तकनीक से कानून व्यवस्था को कायम रखती है गुजरात पुलिस : वेंकैया
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गांधीनगर। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि गुजरात पुलिस सुरक्षा सेतु, साइबर सुरक्षा, गुजरात पुलिस पोर्टल, ई-गुजकॉप और पिनाक सॉफ्टवेयर जैसी अत्याधुनिक तकनीक युक्त नए आयामों के जरिए कानून व्यवस्था को कायम रखती है।

श्री नायडू ने आज यहां के कराई स्थित गुजरात पुलिस अकादमी में आयोजित विशेष समारोह में गुजरात पुलिस को राष्ट्रपति निशान (प्रेसिडेंशियल कलर्स) से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध और आतंकी हमले जैसी चुनौतियों का अत्यंत दृढ़ता से सामना कर गुजरात पुलिस इस गौरवशाली पड़ाव पर पहुंची है। गुजरात पुलिस ने सुरक्षा सेतु, साइबर सुरक्षा, गुजरात पुलिस पोर्टल, ई-गुजकॉप और पिनाक सॉफ्टवेयर जैसी अत्याधुनिक तकनीक युक्त नए आयामों के जरिए कानून व्यवस्था को कायम रखने में अहम भूमिका अदा की है। पुलिस बल की श्रेष्ठता और गौरव के प्रतीक राष्ट्रपति निशान प्रदान करने के इस समारोह में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उप मुख्यमंत्री नितिनभाई पटेल, गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा और राज्य पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा उपस्थित थे। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने गुजरात पुलिस के नए लोगो का अनावरण भी किया।

किसी भी राज्य पुलिस बल के लिए गर्व का प्रतीक यह राष्ट्रपति निशान पाने वाला गुजरात देश का सातवां राज्य बना है। इससे पूर्व यह सम्मान मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु, त्रिपुरा और असम राज्य पुलिस को प्रदान किया जा चुका है। उपराष्ट्रपति ने इस सम्मान के लिए गुजरात पुलिस को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन गुजरात पुलिस के लिए गौरवशाली दिवस है। 1960 में स्थापित गुजरात पुलिस बल के सेवानिवृत्त और वर्तमान में सेवारत पुलिस अधिकारी और जवान इस सम्मान के अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि देश में सर्वाधिक 1600 किलोमीटर लंबे समुद्री तट की निगरानी गुजरात पुलिस बेहद सतर्कता के साथ रख रही है। गुजरात ने अपने समुद्री तट की सुरक्षा के लिए मरीन कमांडों फोर्स का भी गठन किया है। गुजरात पुलिस बल के जवानों ने भूतकाल में भारत-पाक युद्ध, अक्षरधाम आतंकी हमला और अहमदाबाद में सिलसिलेवार बन धमाकों जैसी घटनाओं का अदम्य साहस के साथ सामना कर अपनी क्षमता का परिचय दिया है जो हम सभी के लिए गौरव की बात है।

उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए शांति का वातावरण जरूरी है और राज्य पुलिस की भूमिका इसमें अहम है। बच्चों और महिलाओं पर होने वाले उत्पीड़न के खिलाफ पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई कर पीड़ितों को न्याय दिलाया है। जनता के मन में पुलिस के प्रति अधिक से अधिक सम्मान का भाव जगे इसके लिए हमेशा तत्पर रहना होगा। हम भारत को मातृभूमि कहते हैं अर्थात माता का दर्जा देते हैं, इस सम्मान को हम सभी को मिल-जुलकर बनाए रखना होगा। गुजरात ने पुलिस भर्ती में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण प्रदान कर महिला उत्कर्ष के क्षेत्र में देश को नई राह दिखाई है। पुलिस स्टेशन महिलाओं के अनूकूल होने चाहिए। महिलाओं पर अत्याचार को रोकने फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करना जरूरी है, तभी इस प्रकार के अपराधों और दोषियों को हम त्वरित सजा दे पाएंगे। राष्ट्रपति निशान का सम्मान हासिल करने के लिए गुजरात पुलिस को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नये भारत के लिए रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का जो मंत्र दिया है उसे हम सभी को मिलकर साकार करना होगा।

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस अवसर पर विश्वास जताया कि इस सम्मान से गुजरात पुलिस का मनोबल और मजबूत होगा तथा समाज सुरक्षा के दायित्व को पुलिस निपुणता और तैयारी के साथ अदा करेगी। उन्होंने कहा कि गुजरात को अपराध मुक्त बनाने के ध्येय में यह निशान सम्मान पूरक बनेगा। निशान प्रदान समारोह को एक ऐतिहासिक अवसर करार देते हुए श्री रूपाणी ने कहा कि अपराध मुक्त गुजरात के निर्माण के लिए राज्य ने जो संकल्प किया है उसमें यह सम्मान राज्य पुलिस बेड़े का मनोबल और भी मजबूत करने में निश्चित रूप से वरदान स्वरूप साबित होगा।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा गुजरात पुलिस के शौर्य, उत्कृष्ट प्रदर्शन और दक्षता को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्रदान करने का जो गौरव दिया है वह सभी गुजरातियों का सम्मान है। इस सम्मान से गुजरात पुलिस गौरवांवित महसूस कर रही है, परन्तु इसके साथ ही राज्य की शांति, सलामती और कानून व्यवस्था की स्थिति को अधिक सुदृढ़ बनाने में गुजरात पुलिस की जिम्मेदारी भी बढ़ जाएगी और इसके लिए सभी पुलिसकर्मियों को और अधिक सक्षम बनना होगा। राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया यह सर्वोच्च सम्मान गुजरात पुलिस की 59 वर्ष की सफल यात्रा का नतीजा है। गुजरात पुलिस ने अपराध नियंत्रण, आतंकवाद और साइबर क्राइम के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक से लैस होकर चुनौतियों का सामना किया है।

इन नए आयामों के उपयोग ने पुलिस जवानों को नैतिक बल प्रदान किया है और इसके फलस्वरूप यह उपलब्धि हासिल हुई है। इस विशिष्ट सम्मान को हासिल करने तक की गुजरात पुलिस की यात्रा में अनेक पुलिसकर्मियों ने मातृभूमि की सेवा करते हुए शहादत को गले लगाया है, यह सम्मान उन सभी का सम्मान है। तमाम चुनौतियों से दो-चार होते हुए भी शांति और सुरक्षा मुहैया कराने वाली गुजरात पुलिस को उन्होंने बधाई दी।

श्री रूपाणी ने कहा कि राज्य के 1600 किलोमीटर लंबे समुद्री किनारे से मादक द्रव्यों और हथियार घुसाने सहित आतंकी गतिविधियों को रोकने में भी मरीन पुलिस और गुजरात पुलिस ने विशिष्ट कार्य किया है। इसके चलते आज राज्य में शांति का माहौल नजर आ रहा है। आने वाले समय में गुजरात पुलिस तकनीक से लैस हो और साइबर अपराध को तेजी से सुलझाने में सक्षम बने ऐसा वातावरण मुहैया कराने का राज्य सरकार प्रयास करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सम्मान से गुजरात सुरक्षा के क्षेत्र में भारत का श्रेष्ठ राज्य बनेगा।

कराई स्थित गुजरात पुलिस अकादमी के परेड मैदान में उपराष्ट्रपति ने पूरे सम्मान के साथ राष्ट्रपति का निशान गुजरात पुलिस को प्रदान किया। इस मौके पर सर्वधर्म समभाव के उद्देश्य से हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म के धर्मगुरुओं द्वारा ड्रमर पाइप पर स्थापित 'कलर ध्वज' के समक्ष मंत्र पाठ किया गया। उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री ने पुलिस जीप पर सवार होकर आम जनता और प्लाटून के जवानों का अभिवादन किया।

इस अवसर पर परेड मैदान पर परेड मास्टर आईपीएस प्रेम सुखड़ेलुं और एज्युटेन्ट विजय पटेल के नेतृत्व में पुलिस बैंड से सुसज्जित तथा दो महिला प्लाटून समेत राज्य आरक्षित बल की आठ प्लाटून ने अनुशासनबद्ध तरीके से राष्ट्रपति के 'निशान' के साथ परेड की जिसे उपराष्ट्रपति ने सलामी दी। समारोह में कई सांसद, विधायक, राज्य के मुख्य सचिव अनिल मुकीम, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव संगीता सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, प्रशिक्षु आईपीएस, महानुभावों तथा एनसीसी कैडेट्स समेत पुलिस अधिकारियों के परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।


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