गुजरात हाईकोर्ट तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ 2006 की एफआईआर रद्द करने का 'इच्छुक' नहीं
गुजरात उच्च न्यायालय ने प्रमुख कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ दायर एफआईआर को रद्द करने के प्रति अनिच्छा जताई है

अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय ने प्रमुख कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ दायर एफआईआर को रद्द करने के प्रति अनिच्छा जताई है।
2006 में महिसागर जिले से शुरू हुई यह एफआईआर विवादास्पद पांडरवाड़ा सामूहिक कब्र खोदने की घटना से संबंधित है।
तीस्ता पर कथित तौर पर मीडिया में सनसनी पैदा करने के लिए 2002 के गुजरात दंगा पीड़ितों के शव खोदने का आरोप है।
यह मामला अहमदाबाद डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच की 2022 की एफआईआर में आधारशिला रहा है, जिसमें यह तर्क दिया गया है कि तीस्ता सीतलवाड़ का गुजरात दंगों से संबंधित सबूत गढ़ने का इतिहास रहा है।
साल 2006 की एफआईआर में सीतलवाड़ के खिलाफ आरोपों में झूठे सबूत गढ़ना, सबूतों को गायब करना, आपराधिक साजिश रचना और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना शामिल है।
सोमवार को कार्यवाही के दौरान न्यायमूर्ति संदीप भट्ट ने सीतलवाड़ के वकील को संबोधित करते हुए उन मामलों को फिर से देखने की जरूरत पर सवाल उठाया, जिन्हें उन्होंने रूपक रूप से "मरे हुए घोड़े" कहा था।
अदालत ने अगली सुनवाई 9 जनवरी के लिए निर्धारित की है, जिसमें आगे विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।
साल 2002 के दंगों के संबंध में जकिया जाफरी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज करने के बाद जून 2022 में गुजरात के आतंकवाद विरोधी दस्ते द्वारा तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें जुलाई 2023 में जमानत दे दी गई।


