गुजरात चुनाव- कांग्रेस के आरोपों पर मुख्यचुनाव आयुक्त ने कहा, चुनाव आयोग 100 फीसदी निष्पक्ष
गुजरात विधानसभा चुनाव में तारीखों की ऐलान को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए गए देरी के आरोपों को चुनाव आयोग ने सिरे से खारिज कर दिया है

- विंध्यवासिनी त्रिपाठी
नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव में तारीखों की ऐलान को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए गए देरी के आरोपों को चुनाव आयोग ने सिरे से खारिज कर दिया है। आयोग ने अपनी सफाई में कहाकि किसी तरह का पक्षपात या देरी नहीं की गई है।चुनाव आयोग की गौरवशाली विरासत है और वह सौ फीसदी निष्पक्ष है।
गुरुवार को गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की चुनाव आयोग ने घोषणा कर दी। 182 विधानसभा सीट के लिए दो चरणों में क्रमश: 1 दिसम्बर और 5 दिसम्बर को मतदान कराए जाएंगे और 8 दिसम्बर को मतगणना होगी। इस मौके पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहाकि विपक्ष का यह आरोप बेबुनियाद है कि गुजरात चुनाव की तारीखों की घोषणा में जानबूझकर देरी की गई। उन्होंने कहाकि चुनाव आयोग की निष्पक्षता एक गौरवशाली विरासत है। चुनाव आयोग 100 फीसदी निष्पक्ष है।
हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त के इस बयान के बावजूद कांग्रेस पार्टी ने कहाकि आयोग को साफ करना चाहिए कि उसने गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव की तारीखों का ऐलान अलग-अलग तारीखों को क्यों किया। जबकि दोनों दोनो राज्यों में मतगणना एक ही दिन कराई जाएगी।
कांग्रेस के गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने आरोप लगाया कि सूबे में चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को आधिकारिक खर्च पर कई रैलियों को करने का समय मिला और गुजरात में सरकारी संशाधनों का दुरुपयोग किया गया।
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि गुजरात में चुनाव तारीखों में देरी के चलते प्रधानमंत्री को सरकारी खर्च राजनीतिक कार्यक्रम करने का मौका मिला। यहां तक की मोरबी पुल हादसे पर भी शोक भी उनकी यात्रा के आखिरी दिन किया गया।


