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गुजरात विधानसभा का सत्र बुधवार से, 3 मार्च को बजट पेश होगा

गुजरात विधानसभा का एक महीने का बजट सत्र 2 मार्च से शुरू होगा, जो मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली भाजपा की नई टीम का पहला बजट होगा

गुजरात विधानसभा का सत्र बुधवार से, 3 मार्च को बजट पेश होगा
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गांधीनगर। गुजरात विधानसभा का एक महीने का बजट सत्र 2 मार्च से शुरू होगा, जो मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली भाजपा की नई टीम का पहला बजट होगा। गुजरात के वित्तमंत्री कनुभाई देसाई 3 मार्च को वित्तवर्ष 2022-23 का बजट पेश करेंगे। गुजरात में विधानसभा चुनाव साल के अंत में होने वाले हैं और भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में भाजपा की नई टीम अपना पहला और इस विधानसभा का आखिरी बजट पेश करेगी।

महीनेभर चलने वाला बजट सत्र 2 मार्च से शुरू होगा और 3 मार्च को बजट पेश किया जाएगा। सत्र का समापन 31 मार्च को होगा।

सूत्रों के अनुसार, चुनावी वर्ष होने के कारण बजट के लोकलुभावन होने की संभावना है। भाजपा सरकार को पिछले साल कोविड की दूसरी लहर के दौरान बहुत अधिक आलोचना का सामना करना पड़ा था।

ओबीसी पर विशेष ध्यान दिए जाने की संभावना है, क्योंकि यह पार्टी का पारंपरिक वोट बैंक है। भाजपा के गढ़ राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवेश के साथ ही पाटीदार समुदाय अब तीन मोर्चो पर बंट गया है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने राज्य में पाटीदार समुदाय को अपने पाले में कर भाजपा के गढ़ में बड़ी सेंध लगाई है। भगवा पार्टी ढाई दशक से अधिक समय से राज्य की सत्ता पर काबिज है।

दूसरी ओर, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी राज्य में बेरोजगारी, बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी।

एक दिलचस्प तथ्य यह है कि यह न केवल सीएम भूपेंद्र पटेल और वित्तमंत्री कनुभाई देसाई सहित सभी मंत्रियों के लिए, बल्कि नए एलओपी सुखराम राठवा के नेतृत्व वाली पूरी तरह से नई विपक्षी टीम के लिए भी पहला बजट होगा। वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के आने से पार्टी की गुजरात इकाई को भी मजबूती मिली है।

यह भी संभावना है कि केंद्र सरकार राज्य को वित्तीय आवंटन बढ़ा सकती है, जिससे वर्तमान सरकार को अपने पहले बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय, अधिकारिता और कृषि के लिए अनुदान बढ़ाने में सहायता मिल सकती है।

22-दिवसीय सत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग और कृषि विभाग से अनुदान में वृद्धि देखी जाएगी।

विधानसभा सत्र की शुरुआत दो मार्च को राज्यपाल आचार्य देवव्रत के सदन में अभिभाषण के साथ होगी।

महीनेभर के सत्र के दौरान 21 कार्य दिवस होंगे, जहां पांच दिवसीय सत्रों में दो बैठकें होंगी।

विधानसभा में बजट पर चार दिनों तक चर्चा होगी। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर तीन दिवसीय चर्चा के साथ ही विभिन्न विभागों की अनुपूरक मांगों पर दो दिवसीय चर्चा होगी।

उपलब्ध जानकारी के अनुसार, सरकार कुछ कानून ला सकती है, लेकिन कितने, यह निश्चित नहीं है। बुधवार को दो विधेयक पेश किए जाएंगे, जैविक कृषि विश्वविद्यालय सुधार विधेयक और गुजरात भूमि अधिग्रहण रोकथाम संशोधन विधेयक।

कांग्रेस विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी। बजट मांगों पर चर्चा के लिए सदन की बहस 12 दिनों तक चलेगी। सरकारी विधेयकों पर चार दिवसीय चर्चा के दौरान राज्य सरकार विभिन्न कानूनों में जरूरत के मुताबिक शोध विधेयक पारित करेगी। सत्र 31 मार्च को अंतिम दिन के प्रस्ताव के साथ समाप्त होगा।


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