गुजरात विधानसभा चुनाव: हार्दिक का साथ राहुल के साथ
गुजरात विधानसभा चुनाव अब दिलचस्प मोड़ पर आ गया है। बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी हो गयी हैं

नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव अब दिलचस्प मोड़ पर आ गया है। बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी हो गयी हैं। बीजेपी की तीन सूची आयी है तो कांग्रेस अभी पहली सूची में ही अटकी पड़ी है और टिकट नहीं पाने वाले नाराज़ लोगों के गुस्से का शिकार हो रही है।
अभी तक पाटीदारों के समर्थन की बात भी चल रही थी लेकिन कांग्रेस की पहली सूची के बाद से उसपर भी ग्रहण लगता दिख रहा है। हार्दिक पटेल एक जनसभा करने वाले थे जो रद्द कर दी गयी। गुजरात में 12% पाटीदार हैं जो अमूमन बीजेपी के समर्थक माने जाते हैं लेकिन इस बार वे आरक्षण के नाम पर बीजेपी से नाराज़ हैं। दूसरी ओर कांग्रेस भी उसे अपने पाले में लाने में असफल दिख रही है। सवाल है आखिर पाटीदार किसे समर्थन देंगे?
दिख रहा है कि पाटीदार अभी तक कांग्रेस से संतुष्ट नहीं हैं लेकिन कांग्रेस को एक झटका एनसीपी ने भी दिया है। क्योंकि एनसीपी इस बार अकेले ही मैदान में उतरने वाली है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेलका कहना है कि कांग्रेस से हमने कई दिनों तक बात की, लेकिन वह साथ लड़ने को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है। हम अकेले चुनाव लड़कर भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आपका क्या कहना है?
एक तरफ जहाँ राहुल को अध्यक्ष बनाये जाने की औपचारिकता की आज शुरुआत हुई है तो दूसरी तरफ पाटीदार और एनसीपी ने उसे झटका दिया है। अगर कांग्रेस में सबकुछ ठीक रहा तो राहुल 19 दिसंबर को अध्यक्ष बन जायेंगे। 18 को हिमाचल और गुजरात का रिजल्ट आना है।
अगर दोनों चुनावों में कांग्रेस की जीत होती है तो राहुल के सिर पर एक साथ दो-दो ताज होंगे लेकिन अगर हार होती है तो राहुल को पार्टी के अन्दर अपने विरोधियों का सामना करना पद सकता है। हालाँकि ये पूर्वानुमान है।
खैर, चुनाओं का परिणाम जो भी आये, इस चुनाव ने राहुल गाँधी को एक लोकप्रिय राजनेता के रूप में स्थापित हो रहे हैं। साथ ही वे युवाओं के बीच में लोकप्रिय भी हो रहे हैं सोशल मीडिया पर भी उनके समर्थकों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है और कहा जा सकता है कि राहुल की मेहनत कांग्रेस को अंदरूनी मजबूती प्रदान करेगी।
इन सारे सवालों पर देशबन्धु ऑनलाइन के संपादक अमलेन्दु उपाध्याय के साथ देखें-सुनें इस चर्चा को


