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गेस्ट टीचर्स ने लगाई शिक्षामंत्री से गुहार, शिक्षा विभाग के फैसलों पर जताई आपत्ति

शिक्षा विभाग के फैसलों से नाराज गेस्ट टीचर्स ने अब शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन भेजकर समस्याओं को लेकर तत्काल समाधान की गुहार लगाई है

गेस्ट टीचर्स ने लगाई शिक्षामंत्री से गुहार, शिक्षा विभाग के फैसलों पर जताई आपत्ति
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नई दिल्ली। शिक्षा विभाग के फैसलों से नाराज गेस्ट टीचर्स ने अब शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन भेजकर समस्याओं को लेकर तत्काल समाधान की गुहार लगाई है।

गेस्ट टीचर्स का कहना है कि शिक्षा विभाग की कार्यशैली और सामंजस्य के अभाव में कोई स्पष्ट नीति व दिशा निर्देश न होने के कारण जहां लाखों छात्रों का अहित हो रहा है वहीं गेस्ट टीचर्स दर-दर की ठोकरे खाने को विवश हैं।

गौरतलब है कि एक जुलाई को ही गेस्ट टीचर्स के अनुबंध को बढ़ाकर 2017-18 के लिए सेवा विस्तार दिया गया है वहीं एक जुलाई को ही 2016-17 कि पोस्ट फिक्सेशन को लागू करने से सैकड़ों गेस्ट टीचर्स को सरप्लस बताकर रिलीव कर दिया गया है तभी से गेस्ट टीचर्स पुन:बहाली हेतु जिला शिक्षा कार्यालय से लेकर शिक्षा निदेशक तक चक्कर लगा रहे हैं लेकिन न तो उनकी समस्या सुनी जा रही है और न ही ठोस कार्यवाही हो रही है। मनमाने ढंग से गेस्ट टीचर्स को रिलीव किया गया है और अब दुबारा नियुक्ति भी नही दी जा रही है।

शिक्षामंत्री को लिखे ज्ञापन में बताया गया है कि 2016 की छात्रसंख्या पर आधारित पोस्ट फिक्सेशन को जुलाई 2017 में लागू करना औचित्यहीन है, क्योंकि विद्यालयों में सत्र 2017-18 के लिए प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। पीएफसी का निर्धारण में राइट टू एजुकेशन एक्ट के शिक्षक-छात्र औसत मापदंडों का पालन न करने के कारण शिक्षकों के पद सरप्लस हुए हैं। सरप्लस गेस्ट टीचर्स को हटाने के नियमों में किया गया बदलाव भी अतार्किक है। विद्यालय शुरू होते ही पीएफसी के कारण सरप्लस गेस्ट टीचर्स को हटाने और दुबारा नियुक्ति देने में होने वाली देरी के चलते छात्रों का पाठ्यक्रम पिछड़ रहा है। गेस्ट टीचर्स ने शिक्षा मंत्री से 1 जुलाई 2017 को लागू पीएफसी को रद्द कर शिक्षक-छात्र औसत के मानकों के अनुसार वर्तमान छात्रसंख्या के आधार पर पुन:निर्धारण कर लागू करने और हटाये गए गेस्ट टीचर्स को अपने पूर्व विद्यालयों में पुन:बहाली के निर्देश जारी करने का आग्रह किया।


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