अतिथि शिक्षकों को हटा रही दिल्ली सरकार !
दिल्ली के शिक्षकों ने कहा है कि दिल्ली सरकार वादों पर खरी नहीं उतरी है और सरकारी स्कूल के अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो रहे हैं। कई महीनों से अतिथि शिक्षक बेरोजगार घूम रहे उन्हें दोबारा नियुक्ति नहीं दी

नई दिल्ली, 5 अप्रैल (देशबन्धु)। दिल्ली के शिक्षकों ने कहा है कि दिल्ली सरकार वादों पर खरी नहीं उतरी है और सरकारी स्कूल के अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो रहे हैं। कभी पीएफसी लागू करने को लेकर तो कभी प्रमोशन को मुद्दा बनाकर तो कभी सीट खत्म होने को लेकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों से अतिथि शिक्षकों को हटाया जा रहा है और कई महीनों से अतिथि शिक्षक बेरोजगार घूम रहे हैं उन्हें दोबारा नियुक्ति नहीं दी गयी है। एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो चुका है लेकिन नौकरी से हटाये गए अतिथि शिक्षक पुन: नौकरी पाने को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से लेकर शिक्षा निदेशालय तक धक्के खा रहे हैं।
अतिथि शिक्षकों ने बताया कि पिछले सत्र में स्थायी शिक्षकों के स्थानांतरण, पदोन्नति के कारण अतिथि शिक्षकों को हटा दिया गया था जबकि कुछ शिक्षक स्थायी भर्ती के कारण हटाये गए हैं। पिछले सत्र से हटाये गए प्राइमरी शिक्षकों को एक साल बाद भी नियुक्ति नहीं मिली है वहीं पीजीटी अर्थशास्त्र और वाणिज्य विषयों के पदों की संख्या में लगातार कमी होने से इन विषयों के अतिथि शिक्षक पुन: नियुक्ति की बाट जोह रहे हैं।
अतिथि शिक्षक बीच सत्र में नौकरी जाने से बेरोजगार हो गए हैं, जिससे वो आर्थिक व मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं लेकिन उन्हें दूसरे विद्यालयों में नियुक्ति नहीं दी जा रही हैं।
एक अतिथि शिक्षक रविंदर ने बताया कि स्कूलों में आज भी शिक्षकों के पद रिक्त है और भारी संख्या में शिक्षक बोर्ड परीक्षाओं तथा उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन कर रहे हैं स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित है।
शिक्षकों ने कहा कि इसके बाद भी अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति देने में शिक्षा विभाग तत्परता नहीं दिखा रहा, पीजीटी अर्थशास्त्र और वाणिज्य विषय में सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि पांच छ: वर्ष में 11वीं, 12वीं में अर्थशास्त्र और वाणिज्य विषय पढऩे वाले छात्रों की संख्या में भारी कमी देखी जा रही है। उत्कृष्ट बोर्ड परीक्षा परिणाम लाने की होड़ और विभागीय आदेश व कार्यवाही के दबाव में अर्थशास्त्र और वाणिज्य विषय के प्रति विद्यार्थियों को हतोत्साहित किया जाता रहा है जबकि अर्थशास्त्र और वाणिज्य विषय के स्थान अपेक्षाकृत आसान और प्रयोगात्मक विषयों की ओर प्रेरित किया जा रहा है ताकि छात्रों का संख्यात्मक दृष्टि से परीक्षा परिणाम श्रेष्ठ स्तर का हो सके तथा विभागीय कार्यवाही अथवा नोटिस से बचा जा सके। अतिथि शिक्षकों कहना हैं कि पांच साल से सेवारत रहे वरिष्ठ अतिथि शिक्षक घर बेरोजगार बैठे हैं उनके अनुभव को भी नजरअंदाज किया जा रहा है।


