जीएसटी पोर्टल फेल : व्यापारियों ने की कंपनी के खिलाफ सीबीआई की जांच की मांग
जीएसटी पोर्टल के फेल होने और संतोषजनक तरीके से काम न करने के लिए अब व्यापारियों ने आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है

नई दिल्ली। जीएसटी पोर्टल के फेल होने और संतोषजनक तरीके से काम न करने के लिए अब व्यापारियों ने आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है। इसके लिए पोर्टल का रखरखाव करने के जिम्मेदार इनफोसिस को दोषी ठहराते हुए सरकार से मांग की जा रही है कि जीएसटी पोर्टल संभालने व बनाने वाली कंपनियों, इनफ़ोसिस सहित अन्य कंपनियों के खिलाफसीबीआई की जांच करवाई जाए।
व्यापारी नेताओं का तर्क है चूंकि इतना समय और पैसा लगने के बाद भी पोर्टल ठीक ढ़ंग से काम नहीं कर पाया है यह एक तरीके से देश के साथ बेईमानी है।
व्यापारियों के संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफआल इंडिया ट्रेडर्स के अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि देश में जीएसटी लागू होने के चार महीने बाद भी पोर्टल लचर हालत में है जबकि पोर्टल को 1 जुलाई से ही सही तरीके से काम करना जरूरी था। इस प्रयोग से देश भर के व्यापारी निराश हैंऔर इन हालातों को देखते हुए कैट यह आग्रह कर रही है कि इनफ़ोसिस और अन्य कंपनियों के खिलाफसीबीआई जांच करवाएं व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। जांच में पड़ताल हो कि यह कोई घोटाला तो नहीं है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा की तीन वर्ष से अधिक का समय और लगभग 1400 करोड़ रुपये से अधिक लगने के बाद भी पोर्टल कसौटी पर खरा नहीं उतरा है।
श्री खंडेलवाल ने बताया किपोर्टल के फेल होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की जुलाई महीने की जीएसटी रिटर्न जो 10 अगस्त को भरी जानी थी उसकी तारीख तीन बार बढ़ चुकी है और अब यह तारीख 30 नवम्बर है। और भी अन्य प्रक्रिया जो इस पोर्टल पर होनी है वो भी पूरी तरह बाधित हैं।
कैट ने सरकार से मांग की है कि पोर्टल की अब तक की वर्तमान स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी करे व तीसरी पार्टी से पूरा ऑडिट कराया जाएवहीं पूरे मामले में जिम्मेदारी तय की जाए।
जीएसटी को एक अच्छी प्रणाली बताते हुए व्यापारी नेता कहते हैं कि पोर्टल के निक्कमेपन के कारण जीएसटी पर सवालिया निशान लग रहे हैं।


