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जीएसटी परिषद करेगी पेट्रोल के बारे में फैसला

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के पक्ष में है लेकिन इसका फैसला जीएसटी परिषद को करना है

जीएसटी परिषद करेगी पेट्रोल के बारे में फैसला
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के पक्ष में है लेकिन इसका फैसला जीएसटी परिषद को करना है।

श्री जेटली ने प्रश्नकाल के दौरान बीजू जनता दल के देवेन्द्र गौड़ द्वारा पूछे गए प्रश्न से संबंधित पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि जीएसटी के लिए जो संविधान संशोधन किया गया था उसमें पेट्रोल को शामिल किया गया था लेकिन उसे लागू करने का फैसला जीएसटी परिषद को करना है। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के भी वित्त मंत्री शामिल होते हैं और सबको मिलकर फैसला करना होता है।

पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस सदस्य पी चिदंबरम ने पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि सरकार का क्या इरादा है, क्या वह जीएसटी के दायरे में पेट्रोलियम पदार्थ को लाने के पक्ष में है और वह राज्य सरकारों को इसके लिए तैयार कर रही है क्योंकि 19 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। इस पर श्री जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार इसके पक्ष में है और उम्मीद है कि राज्य सरकारें इसके लिए तैयार हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि हर महीने जीएसटी परिषद की बैठक होती है और अगली बैठक जनवरी में होगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में अब तक जितने फैसले लिए गए हैं वे सभी सर्वसम्मति से लिए गए हैं।

उन्होंने श्री चिदंबरम को आड़े हाथ लेते हुए यह भी कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने तो जब जीएसटी विधेयक का मसौदा बनाया था तो उसने पेट्रोलियम उत्पाद को रखा ही नहीं था। उनकी सरकार ने तो कम से कम जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन में इसे रखा तो है।

श्री चिदंबरम ने जब अन्तराष्ट्रीय बाज़ार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें गिरने पर देश में पेट्रोल डीजल की कीमतें कम न होने की शिकायत की तो श्री जेटली ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकारें भी कर लगाती हैं भाजपा शासित राज्यों ने तो अपने कर कम किए हैं लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों ने अभी तक कम नहीं किये। श्री जेटली का जवाब सुनकर श्री चिदंबरम चुप हो गए।


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