Top
Begin typing your search above and press return to search.

भारत में महिला वीडियो गेमर्स की बढ़ती संख्या और कमाई

भारत में 50 करोड़ से ज्यादा वीडियो गेमर्स हैं. अब इनमें बड़ी संख्या लड़कियों की है जो ना सिर्फ सफल हो रही हैं बल्कि अच्छी खासी कमाई भी कर रही हैं. लेकिन उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है.

भारत में महिला वीडियो गेमर्स की बढ़ती संख्या और कमाई
X

सोनाली सिंह जब छोटी थीं तो वह अक्सर वीडियो गेम को लेकर अपने भाई से लड़ पड़ती थीं. वह भी वीडियो गेम खेलना चाहती थीं. हालांकि झगड़ा सुलझाने के लिए मां उन्हें कहानियों की किताब पकड़ा देती थीं. वह कहती हैं, "यह हमारी भारतीय संस्कृति है. लड़कियां गेम्स नहीं खेलतीं.”

अब जबकि सोनाली सिंह बड़ी हो गई हैं और अमेरिका की एक बड़ी यूनिवर्सिटी के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर ऑनलाइन काम करती हैं, तो रात को उनका समय वीडियो गेम्स खेलते हुए ही गुजरता है.

भारत में गेमिंग उद्योग 1.5 अरब डॉलर का हो चुका है और अब इसकी पैठ लड़कियों के बीच पसर रही है. ये लड़कियां ना सिर्फ वीडियो गेम्स खेलती हैं बल्कि इससे पैसा भी कमाती हैं और लड़कों से भी मिलती-जुलती हैं. हालांकि उनके लिए ऐसा करना आसान नहीं है. वे बताती हैं कि उन्हें ऑनलाइन बहुत सा गाली-गलौज सहना पड़ता है.

दूसरी दिक्कत पुरस्कार में मिलने वाले धन की है, जो लड़कों के मुकाबले लड़कियों के लिए बहुत कम है. गेमिंग आधारित वेंचर कैपिटल फंड लुमिकाई की संस्थापक सलोनी सहगल कहती हैं, "महिलाएं इस उद्योग में अपने लिए एक जगह बना रही हैं.” लुमिकाई की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 50.7 करोड़ गेमर हैं जिनमें से 43 फीसदी लड़कियां हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि गेमर्स को लिंग के आधार पर गिना गया है.

भारत की 1.4 अरब आबादी का 27.3 फीसदी हिस्सा 15 से 29 साल के बीच है. रिपोर्ट बताती है कि गेमिंग करने वाली आबादी 12 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रही है. इस वृद्धि की कई वजह हैं. मसलन, सस्ते स्मार्टफोन की उपलब्धता और इंटरनेट तक कम दामों में पहुंच, जिसके कारण गेमिंग कम संसाधनों वाले तबके में भी पहुंची है. पिछले साल भारत में वीडियो गेम के डाउनलोड दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा रहे. कुल मिलाकर भारतीयों ने 15 अरब वीडियो गेम डाउनलोड किए.

कमाई भी बढ़ी

इससे लड़कियों के लिए वीडियो गेमिंग उद्योग में ना सिर्फ खेलने के बल्कि धन कमाने के मौके भी बढ़े हैं. कोविड के दौरान ई-स्पोर्ट्स की लोकप्रियता बड़े पैमाने पर बढ़ी. यह वीडियो गेम्स की प्रतियोगिता होती है जिसे जीतने वालों को ना सिर्फ पुरस्कार में धन मिलता है बल्कि स्पॉन्सरशिप के रूप में भी पैसा मिलता है और वे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी शामिल हो सकते हैं.

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक ई-स्पोर्ट्स में शामिल होने वाली लड़कियों की संख्या 2020 में 12 फीसदी थी जो पिछले साल बढ़कर 22 फीसदी हो गई.

ई-स्पोर्ट्स फेडरेशन के मुताबिक महिलाएं एक टूर्नामेंट में 1,200 डॉलर यानी लगभग एक लाख रुपये तक जीत सकती हैं. दूसरी तरफ ओपन टूर्नामेंट्स में पुरस्कार में मिलने वाला धन सौ गुना तक ज्यादा हो सकता है. हालांकि महिलाओं के लिए यह धन पुरुषों के मुकाबले फिर भी बेहद कम है. 21 साल की खुशवीन कौर ई-स्पोर्ट्स एथलीट हैं जो एक प्रोफेशनल टीम गॉडलाइक के लिए खेलती हैं. उन्होंने छह साल की उम्र में वीडियो गेमिंग शुरू की थी और 17 साल की उम्र में वह प्रोफेशनल प्लेयर बनी थीं.

लड़कियां कैसे वीडियो गेम बनाएंगी

जब उन्होंने शुरुआत की तो पुरुष खिलाड़ी उन्हें परेशान करते थे. लेकिन जैसे-जैसे उनका खेल बेहतर होता गया, उनका मान और नाम बढ़ता गया. वह बताती हैं, "मेरा आत्मविश्वास बढ़ा. लोगों ने सिर्फ महिलाओं के लिए भी टूर्नामेंट कराने शुरू किए ताकि महिलाओं को आगे बढ़ाया जाए और उनके लिए एक सुरक्षित जगह बनाई जाए.”

कौर अब गेमिंग से ही कमाई करती हैं. वह बताती हैं, "तीन-चार साल पहले लड़कियों के पास कोई मौका नहीं था. लेकिन अब मैं इतना कमा लेती हूं कि अच्छी जिंदगी जी सकूं.”

सफलता की कीमत

हालांकि यह सफलता एक बड़ी कीमत पर आई है. सोनाली सिंह जब गेमिंग के लिए अपना माइक्रोफोन ऑन करती हैं तो उन्हें गाली-गलौज से लेकर बलात्कार की धमकियां तक सुनने को मिलती हैं. वह बताती हैं, "पुरुष जिस तरह की बातें कहते हैं, वे भयानक हैं.”

चीन में बच्चों के लिए ऑनलाइन गेम खेलने के नए नियम बने

गेमिंग में ऑनलाइन ट्रोलिंग का स्तर बहुत खतरनाक रूप से ज्यादा है. 2023 में सोशल मीडिया कम्यूनिटी लोकल सर्कल्स ने एक सर्वेक्षण में पाया कि हर दस में से आठ शहरी महिलाएं इंटरनेट इस्तेमाल करती हैं और 86 फीसदी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उन्हें ट्रोल किया जा सकता है.

ई-स्पोर्ट्स फेडरेशन के निदेशक लोकेश सूजी कहते हैं कि इस दिशा में अभी काफी काम करने की जरूरत है. वह बताते हैं कि उद्योग जगत इस संस्कृति को बदलना चाहता है ताकि महिलाएं भी गेमिंग से उतना ही नाम और धन कमाएं, जितना पुरुष कमा सकते हैं. लेकिन वह कहते हैं कि समस्या यह है कि "हमारी संस्कृति ही ऐसी है कि हम लड़कियों को खेलने के लिए प्रोत्साहित ही नहीं करते.”


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it