Top
Begin typing your search above and press return to search.

ग्रेनो को नोएडा प्राधिकरण व बैंकों का हर दिन देना पड़ रहा दो करोड़ का ब्याज

 ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण विभिन्न बैंकों व नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण से करीब छह हजार करोड़़ रुपए से ज्यादा कर्ज ले चुका है

ग्रेनो को नोएडा प्राधिकरण व बैंकों का हर दिन देना पड़ रहा दो करोड़ का ब्याज
X

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण विभिन्न बैंकों व नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण से करीब छह हजार करोड़़ रुपए से ज्यादा कर्ज ले चुका है। इसके बदले प्राधिकरण को प्रतिदिन दो हजार करोड़ रुपए ब्याज का भुगतान करना पड़ रहा है।

यानि हर महीने प्राधिकरण को 60 करोड़ रुपए ब्याज का भुगतान कर रहा है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में प्राधिकरण आठ सौ करोड़ रुपए के कर्ज का भुगतान करना पड़ रहा है। हैरत की बात यह है कि ग्रेनो प्राधिकरण को बैंकों से ज्यादा नोएडा प्राधिकरण को ज्यादा कर्ज का ब्याज देना पड़ रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को आवासीय, ग्रुप हाउसिंग, संस्थागत, आईटी, बिल्डर, कामर्षियल इंडस्ट्रीयल आबंटियों से दस हजार करोड़ रुपए से ज्यादा पैसा वसूल करना है। ये आबंटी प्राधिकरण बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं। विभिन्न योजनाओं के आबंटी अगर प्राधिकरण के बकाया पैसे का भुगतान कर देते है तो प्राधिकरण पूरी तरह से कर्ज मुक्त हो जाएगा और लाभ में आ जाएगा।

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने किसानों को मूल व अतितिरिक्त मुआवजा देने के लिए नोएडा प्राधिकरण से 3339 करोड़ रुपए का कर्ज 9.50 प्रतिशत ब्याज पर ले रखा है। डब्ल्यूटीपी प्रोजेक्ट, मेट्रो, आदि के लिए एनसीआरपीबी से 508 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुका है। जिसका वह सात से 7.5. प्रतिशत ब्याज का भुगतान कर रहा है। इसी तरह 19 बैंकों से करीब 2500 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुका है।

जिसका वह आठ से 7.95 प्रतिशत ब्याज देना पड़ रहा है। प्राधिकरण को विभिन्न योजनाओं से जितना पैसा प्रति माह मिलता है उसमें से 60 करोड़ रुपए प्रति माह ब्याज का भुगतान करना पड़ता है। ग्रेनो प्राधिकरण नोएडा प्राधिकरण को कई बार पत्र भेजकर बैंकों की तरह ब्याज दर में कटौती करने की मांग कर रहा है लेकिन आज तक नोएडा प्राधिकरण इस पर कोई फैसला नहीं ले सका।

दिलचस्प बात यह है कि प्राधिकरण कर्ज के बोझ में डूबा है। उसका विभिन्न योजना के तहत आबंटित भूखंड का करीब दस हजार करोड़ ज्यादा बकाया है। प्राधिकरण आबंटियों को बकाया किश्त भुगतान के लिए बार-बार नोटिस जारी कर रहा है, लेकिन उसके किश्त का भुगतान नहीं हो रहा है। इससे ग्रेनो प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति लगातार डंवाडोल होती जा रही है। ग्रेनो प्राधिकरण की अगर यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण से तुलना की जाए तो वह 2010 में सात हजार करोड़ से ज्यादा कर्ज में डूबा हुआ था। आज यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण पर सिर्फ तीन हजार करोड़ के आसपास कर्ज रहा चुका है। प्राधिकरण ने ज्यादातर बैंकों व नोएडा प्राधिकरण के कर्ज का भुगतान कर चुका है।

प्राधिकरण की तैयारी है कि आगामी वित्तीय वर्श में यमुना को पूरी तरह से कर्ज से मुक्त कर दिया जाएगा। इसके लिए यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने अपने खर्चों में काफी कटौती की। बकाया किश्त जमा करने के लिए आबंटियों पर दबाव बनाया। अगर यही कदम ग्रेनो प्राधिकरण उठाता तो वह काफी हद तक कर्ज को कम कर सकता था।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it