Top
Begin typing your search above and press return to search.

मुम्बई पहुंचा ग्रीनपीस जहाज रेनबो वॉरियर, जलवायु परिवर्तन से निपटने का दिखाया रास्ता

समुद्री द्वीप से लेकर दुनिया के प्रमुख बंदरगाह तक रेनबो वॉरियर ने ग्रीनपीस का प्रतिनिधित्व किया है।

मुम्बई पहुंचा ग्रीनपीस जहाज रेनबो वॉरियर, जलवायु परिवर्तन से निपटने का दिखाया रास्ता
X

मुंबई। समुद्री द्वीप से लेकर दुनिया के प्रमुख बंदरगाह तक रेनबो वॉरियर ने ग्रीनपीस का प्रतिनिधित्व किया है। पिछले चार दशकों से उसका उद्देश्य दुनिया में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों और पर्यावरण की समस्या से निपटने के लिए आवाज़ उठाना रहा है।

यह जहाज मुम्बई में 26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक रहा। इसके बाद इसे कोचिन के लिए रवाना होना है। इस जहाज का भारत आना इस बात का प्रतीक है कि भारत को अब जलवायु परिवर्तन से निपटने की दुनिया की लड़ाई में नेतृत्व की भूमिका निभानी है, जैसा कि उसने पिछले पेरिस समझौते में संकल्प लिया है।

रेनबो वॉरियर का भारत आने का एक मकसद यह भी था कि वह भारत के टिकाऊ भविष्य के लिए समाधानों पर ध्यान दिला सके, जैसे कि अक्षय ऊर्जा के स्रोतों पर ध्यान देना, वायु प्रदूषण से निपटना और जैविक खेती को बढ़ावा देना।

जहाज में सोलर और कचड़े से जैविक खाद बनाने के वर्कशॉप आयोजित किये गए।

ग्रीनपीस इंडिया के कार्यकारी निदेशक डॉ रवि चेल्लम ने कहा,

“हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ साथ दुनिया के दूसरे नेताओं द्वारा जलवायु परिवर्तन से निपटने की प्रतिबद्धता को देखते हुए, रेनबो वॉरियर इस बात को बताने आया है कि भारत जलवायु परिवर्तन और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम कर सकता है।"

मुम्बई पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय भाटिया ने भी ग्रीनपीस जहाज रेनबो वॉरियर को अपना समर्थन दिया और पर्यावरण के हिसाब से ज्यादा सक्षम बंदरगाह बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, "हम पोर्टप्राधिकरण के रूप में समुद्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन यह हम सबकी जवाबदेही है कि हम जहां भी रहें अपने आसपास एक टिकाऊ वातावरण का निर्माण करें।

ग्रीनपीस जहाज रेनबो वॉरियर यहां आया है तो यह एक मौका है जब हम व्यक्तिगत रूप से पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन की समस्या से कैसे बच सकते हैं , इसपर बात कर सकते हैं। यह हमारे बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए जरूरी है। हम अपने बंदरगाह को टिकाऊ बनाकर इसकी शुरुआत करेंगे।"28 अक्टूबर को जहाज पर एक आर्गेनिक लंच का आयोजन भी किया गया। इसे एड गुरु प्रह्लाद कक्कर ने तैयार किया था।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it