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इंदौर में ग्रीन कॉरिडोर 17वीं बार बना

मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में आज एक साथ दो ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सफल रूप से दो जरूरतमंदों तक किडनी को पहुचाया गया

इंदौर में ग्रीन कॉरिडोर 17वीं बार बना
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इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में आज एक साथ दो ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सफल रूप से दो जरूरतमंदों तक किडनी को पहुचाया गया। पहला कॉरिडोर मुम्बई - आगरा रोड (एलआईजी) स्थित निजी अस्पताल से लगभग आठ किलोमीटर दूर माणिकबाग रोड स्थित एक दूसरे निजी अस्पताल तक बनाया गया। वही दूसरा कॉरिडोर महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक दूसरे निजी अस्पताल के लिए बनाया गया था।

संभागायुक्त संजय दुबे ने यूनीवार्ता को बताया कि 23 वर्षीय संजय कुकड़ेश्वर निवासी भागीरथपुरा को चिकित्सकों ने उपचार के दौरान कल दोपहर ब्रेनडेड घोषित कर दिया था। इसके बाद संजय के परिजन से संपर्क कर उन्हें अंगदान का महत्व समझाया गया।

परिजन द्वारा संजय के अंगदान की अनुमति दिए जाने पर संजय का पुन: परीक्षण कर उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया। इसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई गयी। बताया गया है कि आज 17 वीं बार ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दो अलग-अलग निजी चिकित्सालयों में उपचार्थ मरीजों को संजय की किडनी शल्य चिकित्सा कर प्रत्यारोपित की जाएगी।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि पहले ग्रीन कॉरिडोर में लगभग आठ किलोमीटर से अधिक दूरी तक किडनी का परिवहन किया जाना था, जबकि दूसरी ग्रीन कॉरिडोर में महज एक किलोमीटर की दूरी तय दूसरी किडनी का परिवहन किया जाना था। इसके बाद जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के साथ संयुक्त रूप से योजना बनाकर दोनों ही कॉरिडोर के लिए बीआरटीएस मार्ग को चुना गया।

योजना अनुसार पूर्व निर्धारित समय में सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 10 बजकर 48 मिनट में आठ किलोमीटर की दूरी महज 7 मिनट में तय कर ली गयी, जबकि दूसरे ग्रीन कॉरिडोर को 10 बजकर 46 मिनट से प्रारम्भ कर 10 बजकर 49 मिनट में पूर्ण किया गया।

दोनों ही ग्रीन कॉरिडोर के सफल संचालन में सौ से अधिक पुलिसकर्मियों सहित संबंधित विभागों के दो दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की गई थी। इस दौरान नागरिकों ने यातयात संचालन में पूर्णता सहयोग कर मानवीयता का उत्कृष्ट उदहारण पेश किया।


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