एसएसपी ऑफिस पर जेपी ग्रुप के निवेशकों ने किया प्रदर्शन
ग्रेटर नोएडा ! जेपी ग्रुप के विश टाउनशिप के सैकड़ों की संख्या में निवेशक एसएसपी दफ्तर पहुंचे उनकी मुलाकात एसएसपी और जेपी ग्रुप के एमडी से नहीं हुई तो पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए

ग्रेटर नोएडा ! जेपी ग्रुप के विश टाउनशिप के सैकड़ों की संख्या में निवेशक एसएसपी दफ्तर पहुंचे उनकी मुलाकात एसएसपी और जेपी ग्रुप के एमडी से नहीं हुई तो पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए जमकर हंगामा किया। बीते 10 अप्रैल को सभी निवेशक अपनी समस्या को लेकर एसएसपी से मिले थे, उस दौरान एसएसपी 15 अप्रैल को जेपी ग्रुप के एमडी व निवेशाकों के बीच बैठकर बातचीत कर समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिया था।
शनिवार को जेपी ग्रुप के एमडी मनोज गौड़ और एसएसपी निवेशकों से नहीं मिले तो निवेशकों का बढ़ गया तो एसपी ऑफिस पर धरने पर बैठ गए और हंगामा किया। उधर जेपी ग्रुप के जनसंपर्क अधिकारी की तरफ से कहा गया है। 17 अप्रैल को नोएडा सेक्टर-6 में एसपी सिटी के साथ निवेशकों के साथ बैठक कर मामले को सुलझाया जाएगा। नोएडा एक्सप्रेस-वे पर बने जेपी विश टाउनशिप में लगभग 35 हजार फ्लैट बने हुए हैं, जिसमें जेपी ग्रुप ने 5 हजार निवेशकों को घर का कब्जा दे दिया है, लेकिन अभी 30 हजार निवेशकों को घर के कब्जे नहीं दिए है। इस मामले में बीते 10 अप्रैल में कुछ निवेशक एसएसपी से मिले थे जिस पर एसएसपी ने शनिवार में 10 बजे सभी को जेपी ग्रुप के एमडी के साथ बैठक करने का समय दिया था, लेकिन निवेशक पहुंच गए पर एमडी नहीं पहुचे। धरने में बैठे नोएडा निवासी महेंद्र सिंह ने बताया कि वो किराए पर रहते हैं इसलिए उन्होंने 2010 जेपी विश टाउन शिप में अपना फ्लैट बुक कराया था 2013 में उनको मकान का कब्जा मिलना था, जबकि उनकी तरफ से 90 प्रतिशत लैट की राशि दी जा चुकी है। नोएडा निवासी सुनील की भी यही समस्या है इन्होने भी 2010 में अपना फ्लैट बुक कराया था जिसकी किश्त 60 हजार रुपया महीना जा रही है। लेकिन अभी तक उनको फ्लैट का कब्जा नहीं दिया गया है। निवेशकों में आदर्श गुप्ता भी है जिनके पिता मंगल राम ने 2013 में यहां फ्लैट बुक कराया था। लेकिन 2014 में उनकी मृत्यु हो गई अब बेटा 15 हजार माह की किश्त जमा कर रहा है, जबकि उनको 2017 में फ्लैट पर कब्जा देने के लिए बताया गया। दिल्ली में रहने वाले वाले नरेश ने 2012 में जेपी में फ्लैट बुक कराया था उनको 2016 में कब्जा मिलना अभी तक कब्जा नहीं मिला है।


