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निजी स्कूलों के नए सत्र ने अभिभावकों की धडक़नें बढ़ाईं, मनमानी योगी से वयां करेंगे

ग्रेटर नोएडा ! स्कूलों के नए सत्र ने अभिभावकों की धडक़ने बढ़ा दी हैं, जिले कई निजी स्कूलों ने फीस में भारी इजाफा कर दिया गया है। कई स्कूलों ने ड्रेस और सिलेबस तक में बदलाव कर दिया है।

निजी स्कूलों के नए सत्र ने अभिभावकों की धडक़नें बढ़ाईं, मनमानी योगी से वयां करेंगे
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ग्रेटर नोएडा ! स्कूलों के नए सत्र ने अभिभावकों की धडक़ने बढ़ा दी हैं, जिले कई निजी स्कूलों ने फीस में भारी इजाफा कर दिया गया है। कई स्कूलों ने ड्रेस और सिलेबस तक में बदलाव कर दिया है। किताबों के साथ वर्कबुक भी बढ़ा दी गई हैं, जिससे बच्चों के बैग का भार बढ़ गया है। निजी स्कूलों ने कक्षा एक से लेकर बारहवीं तक के बच्चों की फीस बढ़ा दी है और छात्रों के ड्रेस में बदलाव कर दिया है। इससे अभिभावक पर एक हजार से 1500 रुपए तक का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।

जो छात्र कक्षा 11वीं या 12वीं में पढ़ रहे हैं, उन्हें नए नियम के मुताबिक एक या दो साल के लिए नई ड्रेस बनवानी पड़ेगी। निजी स्कूलों की इस मनमानी पर प्रशासन भी मौन साधे हुए है। शहर के कुछ स्कूलों में इस बार किताबों के अलावा वर्कबुक भी बढ़ा दी गई हैं। नर्सरी से लेकर पांचवी तक के बच्चों के सिलेबस में यह बढ़ोतरी की गई है। इससे अभिभावक की जेब पर काफी बोझ बढ़ गया है। गौरतलब है कि निजी स्कूल प्रबंधन हर साल मनमानी फीस वृद्धि करते हैं। कई स्कूलों ने पिछले तीन-चार साल में 50 प्रतिशत तक फीस बढ़ा दी है। शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ट्यूशन फीस के अलावा ली जाने वाली क प्यूटर फीस, ट्रांसपोर्ट फीस और परीक्षा फीस भी बढ़ा दी है। स्कूल में नया दाखिला लेने पर एडमीशन फीस में वर्ष 2014-15 के मुकाबले 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है। पिछले सत्र में स्कूलों की फीस वृद्धि पर नियंत्रण के लिए जिलाधिकारी एन.पी. सिंह ने एक समिति गठित किया, समिति की रिपार्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने सीबीएसई को पत्र लिखकर पूरी कोशिश किया लेकिन सीबीएसई ने कोई जवाब नहीं दिया। अभिभावक संघ अब प्रदेश के मु यमंत्री व शिक्षामंत्री से ही आस लगा रहे हैं कि वही कुछ कर सकते हैं।


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