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बेहद जटिल सर्जरी से ईराक के नवजात शिशु को मिली नई जिंदगी

ग्रेटर नोएडा ! जेपी अस्पताल के ओर्थोपेडिक्स विभाग, प्लास्टिक-एस्थेटिक एवं रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी विभाग एवं बाल रोग विभागों की टीम ने विश्व चिकित्सकीय इतिहास की एक बेहद

बेहद जटिल सर्जरी से ईराक के नवजात शिशु को मिली नई जिंदगी
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ग्रेटर नोएडा ! जेपी अस्पताल के ओर्थोपेडिक्स विभाग, प्लास्टिक-एस्थेटिक एवं रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी विभाग एवं बाल रोग विभागों की टीम ने विश्व चिकित्सकीय इतिहास की एक बेहद जटिल सर्जरी कर सात महीने के नवजात शिशु को नई जिंदगी प्रदान की है। बच्चे का नाम करम है जो ईराक का रहने वाला है। जन्म से ही बच्चे के शरीर में हाथ और पैरों के रूप में अतिरिक्त चार अंग निकले हुए थे। इस बीमारी के साथ ही करम के ह्रदय, आंत एवं अंडकोष सहित अन्य अंगों में भी बीमारियां थी।

जेपी हॉस्पिटल के चार विभागों के संयुक्त प्रयास से बेहद जटिल ऑपरेशन सफल हुआ और करम के शरीर से अतिरिकत अंगों को हटाकर उसे नई जिंदगी दी गई। खास बात यह है कि बच्चे को बीमारी से मुक्त करने के लिए छह महीने में तीन विभागों की टीम द्वारा अलग-अलग तीन सर्जरी की गई।
इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय जेपी हॉस्पिटल के बाल ह्रदय रोग विभाग के निदेशक चिकित्सक डॉ. राजेश शर्मा, ओर्थोपेडिक्स विभाग के डॉ. गौरव राठौर, बाल शल्य विभाग के डॉ. अभिषेक व प्लास्टिक-एस्थेटिक व रिकंस्ट्रक्शन विभाग के डॉ. आशीष राय, डॉ. सौरभ गुप्ता एवं उनकी टीम को मिला। डॉक्टरों ने बच्चे की बीमारी के बारे में बताया कि इस बीमारी को पोलीमेलिया कहते हैं। विश्व के चिकित्सीय इतिहास में इस तरह के केवल पांच-छह मामले देखे गए हैं। अब तक ऐसे जितने भी मामले सामने आए हैं उन सभी में करम की बीमारी अत्यधिक जटिल थी। उसके शरीर में जन्म से ही पेट एवं पैरों से हाथ-पैर जैसे अतिरिक्त चार अंग निकले हुए थे, जिसमें दो हाथ और एक पैर सामान्य बालक जैसे थे। करम के एक पैर का आकार सामान्य से छोटा, जबकि दूसरे पैर में दो पैर जुड़े हुए थे। दो अंग ऐसे थे जो पेट से निकले हुए थे। पेट से निकलने वाला एक अंग पैर की तरह तो दूसरा अंग हाथ की तरह था। बच्चे का एक पैर जो सामान्य था उसमें भी थोड़ा टेढ़ापन था। डॉ. गौरव राठौर ने बताया कि बच्चे के पिता स्वयं ईराक के एक हॉस्पिटल में ईमरजेंसी विभाग में डॉक्टर हैं। जेपी हॉस्पिटल के ओर्थोपेडिक्स विभाग द्वारा पूर्व में किए कई अनोखे सफल ईलाज को सुनकर करम के पिता ने बड़ी उम्मीद के साथ अगस्त 2016 में उसे जेपी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। ईलाज के प्रथम चरण के दौरान करम के सामान्य पैर के टेढ़ेपन को सर्जरी द्वारा ठीक किया गया। इसके साथ ही उसके पेट पर जन्मे दो अतिरिक्त अंगों को शरीर से हटाया गया। इसके बाद करम वापस इराक चला गया, और उसके सामान्य अंगों के टेढेपन का इलाज जारी रहा।


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