Top
Begin typing your search above and press return to search.

योगी के मुख्यमंत्री बनने से नोएडा व ग्रेनो में तैनात अधिकारियों में हडक़ंप

ग्रेटर नोएडा ! गौरक्षपीठाश्वर के महंत योगी आदित्य नाथ की छवि एक कट्टर हिंदूवादी नेता के रूप में पहचान है। योगी हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रहें।

योगी के मुख्यमंत्री बनने से नोएडा व ग्रेनो में तैनात अधिकारियों में हडक़ंप
X

ग्रेटर नोएडा ! गौरक्षपीठाश्वर के महंत योगी आदित्य नाथ की छवि एक कट्टर हिंदूवादी नेता के रूप में पहचान है। योगी हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रहें। कोई भी निर्णय लेने में बाबा जरा भी देरी नहीं करते है। ऐसे में अब सबसे ज्यादा शामत नोएडा, ग्रेटर नोएडा, व गाजियाबाद में तैनात अधिकारियों की शामत आने वाली है। योगी के नाम की घोषणा होते ही प्राधिकरणों में तैनात अधिकारियों के चेहरे पर साफ तौर से तनाव दिखाई दे रहा है। इसमें कोई शक नहीं नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद में लंबे अर्से से नेता अधिकारियों ने सत्ता के इशारे में प्राधिकरण में जमकर लूट खसोट मचाईं।
योगी के आदत में यह शामिल है वह कभी भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया है। भ्रष्टाचार के मामले में योगी निर्णय लेने में कोई देर नहीं करते है। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में पिछले दस साल के दौरान प्राधिकरणों मेे तैनात अधिकारियों से सत्ता के इशारे पर काम करते रहे। उन्होंने एक तरफ पार्टी कार्यकर्ता के रूप में नौकरशाहों की छवि बनी। अब देखना यह है कि योगी ऐसे अधिकारियों को किस तरह उनके कारनामों को उजागर करते है। अगर नोएडा, ग्रेटर नोएडा व गााजियाद में पिछले दस साल के दौरान बिल्डरों के हुए आबंटन की जांच कराई गई तो कई आधिकारियों की गर्दन फंस सकती है। बिल्डरों ने सत्ता में अपनी पहुंच का इस्तेमाल करके प्राधिकरण को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ी। योगी आदित्य नाथ की कार्यशैली में शामिल है वह हमेशा 24 घंटे काम करने वाले है। वे सुबह तीन बज उठ जाते है, गौशाला में जाकर गायों की सेवा करते है। इसके बाद वह अपने कामकाज में जुट जाते है। पूरे पूर्वांचल में योगी की जन जन तक अच्छी पकड़ है। 1998 में जब गोरखपुर लोकसभा सांसद बने इसके बाद उनके जीत का सिलसिला बना रहा। पूरे पूर्वांचल में योगी की जमीनी पकड़ है। पहले की अपेक्षा मोदी अब राजनीति में काफी परिपक्व बन चुके है। योगी को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले से विपक्षी पार्टियों को हजम नहीं हो रही है। योगी की खासियत यह है कि वह किसी के इशारे पर काम नहीं करते है। खासतौर पर वह नौकरशाहों पर नकल कसने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते है। मोदी की तरह योगी भी काम करने वालों को ज्यादा पसंद करते है। नोएडा व ग्रेटर नोएडा व गाजियाबाद लंबे अर्से से तैनात अधिकारी शायद योगी के एजेंडे में फिट न हो पाए। फिलहाल योगी का नाम सामने आने के बाद नौकरशाह योगी से संपर्क बनाने के लिए जुगाड़ में जुट गए है। योगी के भ्रष्टाचार के खिलाफ अगर अभियान शुरू किया और भ्रष्टाचार की जांच कराई तो कई नौकरशाह को जेल तक भी जाना पड़ सकता है। योगी व मोदी में एक खासयित है की दोनों कर्मयोगी है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it