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मुख्यमंत्री के फरमान पर तीनों प्राधिकरणों में हडक़ंप,विकास कार्यों की रिपोर्ट तलब

ग्रेटर नोएडा ! बसपा व सपा शासन काल में नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में हुए विकास कार्यों की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री ने तलब की है।

मुख्यमंत्री के फरमान पर तीनों प्राधिकरणों में हडक़ंप,विकास कार्यों की रिपोर्ट तलब
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ग्रेटर नोएडा ! बसपा व सपा शासन काल में नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में हुए विकास कार्यों की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री ने तलब की है। तीनों प्राधिकरण को शनिवार को रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया है। साथ ही प्राधिकरण में हुई भार्तियों को लेकर भी जानकारी मांगी गई है। मुख्यमंत्री के फरमान पर प्राधिकरणों में हडक़ंप मचा हुआ है।
तीनों प्राधिकरण के अधिकारी शुक्रवार को पूरे दिन रिपोर्ट तैयार करने में जुटे रहे हैं। अब उन्हीं अधिकारियों को अपने कारनामों की रिपोर्ट तैयार कर पड़ रही है, जिनके समय विकास कार्यों के नाम पर खेल हुआ। आदित्य नाथ योगी ने मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के छह दिन बाद भी तीनों प्राधिकरण में किसी भी अधिकारी को अभी तक नहीं हटाया है। अधिकारियों को हटाने से पहले मुख्यमंत्री उनके कारनामों की रिपोर्ट उन्हीं से तलब कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शनिवार को सभी विभागों के विकास कार्यों को लेकर बैठक करने जा रहे है। जिसमें सभी विभागों से रिपोर्ट मांगी है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण से भी बसपा व सपा शासन काल में हुए विकास कार्यों की रिपोर्ट तलब की हैं। मुख्यमंत्री के आदेश पर तीनों प्राधिकरणों में हडक़ंप मचा हुआ है। शुक्रवार को प्राधिकरणों के अधिकारी रिपोर्ट तैयार करने में जुटे रहे। अब देखना यह है कि जिस तरह पिछले दस साल के दौरान प्राधिकरण में विकास कार्यों के नाम खेल चला, अधिकारी आंख मूंद कर बैठै रहे हैं। रिपोर्ट में इसका खुलासा करते है कि नहीं। प्राधिकरण में जिस तरह टेंडर को लेकर लूट खसोट मची। चीफ इंजीनियर यादव सिंह को इन घोटालों को लेकर जेल जाना पड़ा। सीबीआई अभी इसकी जांच कर रही है। यादव सिंह एंड कंपनी का तीनों प्राधिकरणों में बोल बाला था। कोई भी अधिकारी यादव सिंह के मामले में हस्तक्षेप नहीं करता था। मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण अधिकारियों से इसकी पूरी जानकारी मांगी है कि विकास कार्यों पर कितना पैसा कहां और कब खर्च किया गया। तीनों प्राधिकरण में कितने स्थाई और अस्थाई अधिकारी व कर्मचारी तैनात तैनात है। प्रतिनियुक्ति पर प्राधिकरण में कितने अधिकारी व कर्मचारी तैनात है। ठेकेदारों व प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से कितने कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है। अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति कब हुई। इसकी पूरी जानकारी मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण से मांगी है। प्राधिकरणों के नियुक्ति को लेकर पहले भी कई बार सवाल खड़े हुए है। कई आधिकारियों व कर्मचारियों ने फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी हासिल की है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री रिपोर्ट तलब करने के बाद अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई कर सकते है।


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