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ग्रेटर नोएडा : फर्जी दस्तावेजों से प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराने आया युवक गिरफ्तार, प्राधिकरण ने समय रहते रोका फर्जीवाड़ा

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सतर्कता और संपत्ति विभाग की मुस्तैदी से एक बड़ा फर्जीवाड़ा होने से बच गया

ग्रेटर नोएडा : फर्जी दस्तावेजों से प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराने आया युवक गिरफ्तार, प्राधिकरण ने समय रहते रोका फर्जीवाड़ा
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सतर्कता और संपत्ति विभाग की मुस्तैदी से एक बड़ा फर्जीवाड़ा होने से बच गया। एक व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के सहारे सेक्टर पी-3 में स्थित एक भूखंड का ट्रांसफर कराने पहुंचा था, जिसे समय रहते पकड़ लिया गया।

आरोपी को मौके पर ही पुलिस के हवाले कर दिया गया और उसके खिलाफ सूरजपुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सेक्टर पी-3 में भूखंड संख्या डी-138 मूल रूप से पीपी सिंह के नाम आवंटित है। प्रॉपर्टी ट्रांसफर के लिए किसी व्यक्ति ने पीपी सिंह के नाम पर आवेदन किया था और आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर दिए गए थे। जैसे ही फिजिकल वेरीफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हुई, प्राधिकरण के संपत्ति विभाग को संदेह हुआ।

जब कथित पीपी सिंह नामक व्यक्ति फिजिकल वेरीफिकेशन के लिए पहुंचा, तो प्रबंधक को उसके हावभाव और दस्तावेजों में गड़बड़ी नजर आई। प्राधिकरण की ओर से आधार कार्ड की जांच की गई, जिसमें फोटो और जन्मतिथि मेल नहीं खा रहे थे।

इसके बाद मूल फाइल से दस्तावेजों का मिलान किया गया, जिससे फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रेटर नोएडा एम्पलाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष सोनू भड़ाना भी मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई।

सूरजपुर कोतवाली पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और आरोपी को हिरासत में ले लिया। बाद में प्राधिकरण के प्रबंधक राजेश सिंह की ओर से थाने में तहरीर दी गई, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया।

प्रारंभिक जांच में आरोपी की पहचान महिपाल पुत्र चंद्रपाल सिंह के रूप में हुई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सुनील कुमार सिंह ने कहा है कि प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा। इस मामले में आरोपी की पहचान हो चुकी है और अन्य संलिप्त लोगों की भी तलाश की जा रही है। प्राधिकरण के सीईओ एन.जी. रवि कुमार ने सभी संबंधित विभागों को फिजिकल वेरीफिकेशन की प्रक्रिया को सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसे किसी भी फर्जीवाड़े की गुंजाइश न रहे।


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