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अधिकारों को लेकर ग्राम पटेल लामबंद

अपने अधिकारों के लिये ग्राम पटेल अब लामबंद हो रहे है। ग्राम पटेलों का कहना है कि भू-राजस्व संहिता मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में दिये

अधिकारों को लेकर ग्राम पटेल लामबंद
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प्रशासन पर लगाया उपेक्षा का आरोप
पेण्ड्रा। अपने अधिकारों के लिये ग्राम पटेल अब लामबंद हो रहे है। ग्राम पटेलों का कहना है कि भू-राजस्व संहिता मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में दिये गए अनुसार ग्राम पटेलों को शासन से मानदेय एवं अन्य शासकीय कर्मचारियों की तरह सुविधाएं दी जाये क्योंकि ग्राम पटेल एक षासकीय कर्मचारी है परंतु उन्हें शासन द्वारा उपेक्षित रखा गया है। सरकार पर दबाव बनाने के लिये पेण्ड्रा, गौरेला, मरवाही तहसील के ग्राम पटेल 15 जुलाई को सकोला-कोटमी स्थित सोन नदी के किनारे बूढादेव मंदिर में रणनीति बनाने के लिये एकत्रित होंगे।

पेण्ड्रा, मरवाही तहसील के विभिन्न गावों के पटेलों की बैठक 1 जुलाई को मरवाही के ग्राम लिटियासरई के बंजरंग चबूतरा में बैठक करते हुये छत्तीसगढ सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। इस बैठक की अध्यक्षता ग्राम पटेल इतवार सिंह ने की। जिसमें ग्राम पटेलों ने अपने अधिकारों एवं मांगों के लिये संगठित होने का निर्णय लिया एवं शासन से अपने संवैधानिक अधिकारों की मांग की। पटेलो ने आक्रोश जताया कि शासन पूरी व्यवस्था में पटेलों को कोई महत्व नही दे रही है। राजस्व वसूली में रीढ़ की तरह काम करने वाले ग्राम पटेलों को कोई वेतन एवं शासकीय सुविधा नही दी जा रही है। भू-राजस्व संहिता मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ में ग्राम पटेल को बहुत व्यापक अधिकार दिये गए है परंतु सरकार ही दिये गए प्रावधानों को षिथिल करके रखी है। ग्राम पटेल पतगवां दयाशंकर चौबे, पवन सिंह गोढा एवं सेवा सिंह कोडगार ने प्रस्ताव रखा कि पटेलों का मानदेय सरकार निश्चित करें ।

तथा बस्तर क्षेत्र में नक्सली हमले में मारे गए ग्राम पटेल के आश्रित को राजस्व विभाग में नौकरी एवं मुआवजा दे। विषेशरा के पटेल दीवान सिंह ने कहा कि ग्राम पटेल एवं कोटवार ग्राम अधिकारी के रूप में चिन्हित है परंतु सरकार कोटवार और पटेल में भेदभाव करते हुए कोटवारों को शासकीय कर्मचारियों की तरह सुविधा दे रही है वहीं पटेलों को कोई सुविधा और कोई मानदेय नही दे रही है जिससे पूरे छत्तीसगढ के ग्राम पटेलों को निराशा और असंतोष है। दीवान सिंह ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों को यह स्पश्ट करना चाहिये कि उनके घोषणापत्र में ग्राम पटेलों के लिये क्या नीति रहेगी। दमदम के पटेल इतवार सिंह ने कहा कि राजस्व विभाग प्रत्येक ग्राम में ग्राम पटेल के लिये कार्यालय सह आवास गृह का निर्माण करें तथा जिस तरह कोटवारों के लिये जमीन सुनिष्चित की जाती है वैसे ही ग्राम पटेलों के लिये भी जमीन सुनिष्चित हो। बैठक में निर्णय लिया गया है कि तहसीलदार एवं एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री, राज्यपाल, राजस्व मंत्री छत्तीसगढ़ शासन को ज्ञापन सौंपकर मांग की जाये। बैठक में विजय सिंह केसला मनोहर सिंह मुरमुर, रामानुज घघरा, रैनसिंह घाटबहरा, रामसिंह पीथमपुर, बनसधारी जिल्दा, मनभावन सिंह मार्को देवरीकला, हंसलाल अर्मो कोटमीकला, हंसलाल अर्मो ग्राम सकोला के पटेल सुमेर सिंह नेटीग्राम चरचेडी के पटेल छोटन सिंह ओट्टी ग्राम मटियाडांड़ के भूशण दास सुमेर, ग्राम तिलोरा से कलम सिंह कंवर, सचराटोला से हंसलाल ओलाडी, बंधौरी के प्रीतम सिंह ओट्टी ग्राम पटेल उपस्थित थे। आगामी 15 जुलाई को आयोजित बैठक में सभी ग्राम पटेलो को उपस्थित होने का आहवान किया गया है।


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