जिले के 203 गांवों में ग्राम पंचायत चुनाव होना मुश्किल
ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आने वाले जिले के 203 गांवों में ग्राम व जिला पंचायत चुनाव की संभावना नजर नहीं आ रही

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आने वाले जिले के 203 गांवों में ग्राम व जिला पंचायत चुनाव की संभावना नजर नहीं आ रही है। मेरठ के मंडलायुक्त डॉ. प्रभात कुमार से चुनाव को लेकर शासन ने रिपोर्ट मांगी थी। मंडलायुक्त ने शासन को रिपोर्ट भेज दी जिसमें उन्होंने इन गांवों में चुनाव के औचित्य पर सवाल खड़ा कर दिया है। इन गांवों में विकास कार्य कराने का जिम्मा प्राधिकरण के अधीन ही रहने पर मोहर लगा दी है।
सपा शासन काल में गौतमबुद्धनगर में त्रिपस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सवाल खड़ा हुआ था। ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास के तहत आने वाले गांवों में विकास कार्य प्राधिकरण कराता है। जबकि इन गांवों में ग्राम पंचायत च जिला पंचायत भी विकास कार्य कराता है। शासननादेश के अनुसार औद्योगिक प्राधिकरण के अधिसूचना के तहत आने वाले गांवों में ग्राम पंचायत चुनाव नहीं हो सकते है। इसलिए प्राधिकरण की तरफ से इन गांवों मेें चुनाव न कराने की रिपोर्ट भेजी गई थी। इसके बाद भी शासन ने इन गांवों में ग्राम पंचायत चुनाव करा दिया था।
चुनाव परिणाम भी जारी हो गया था। ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट एक जनहित याचिका दायर हुई थी। जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्राधिकरण के अधिसूचित गांवों में चुनाव न कराने का आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट ने चुनाव के बाद ग्राम पंचायत के गठन पर रोक लगा दिया था।
चुनाव होने के बाद भी ग्राम प्रधान व जिला पंचायत सदस्य शपथ नहीं ले पाए थे। इसके बाद से ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर मांग उठ रही है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद जब भाजपा की सरकार बनी तो एक बार फिर लोगों ने पंचायत चुनाव कराने की मांग उठाई। क्षेत्र के लोगों ने दादरी विधायक तेजपाल नागर व जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह से मिलकर पंचायत चुनाव कराने की मांग उठाई थी। दोनों विधायक ने शासन को पत्र भेज कर ग्राम पंचायत चुनाव कराने की मांग रखी थी।
विधायकों की मांग पर शासन ने ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर मेरठ मंडलायुक्त से रिपोर्ट मांगी थी। सूत्रों का कहना है कि कहना है कि मंडलायुक्त ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है। जिसमें उन्होंने कहा कि इन गांवों में प्राधिकरण विकास कार्य कराता है। इसलिए ग्राम पंचायत चुनाव कराने का कोई औचित्य नहीं बनता है।
मंडलायुक्त के इस पर रिपोर्ट में एक बार फिर ग्राम पंचायत चुनाव की संभावना क्षीण हो गई है। जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह का कहना है कि चुनाव कराने को लेकर शासन को पत्र भेजा था, जिसमें शासन ने मंडलायुक्त से रिपोर्ट मांगी थी। इसकी जानकारी नहीं है कि मंडलायुक्त ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है। चुनाव न कराने की रिपोर्ट भेजी गई तो मुख्यमंत्री से मिलकर ग्राम पंचायत चुनाव कराने की मांग रखेंगे।


