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शिवराज सरकार पर भारी पड़ेगी बेरोजगारी

मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लकेर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. जहां बीजेपी अपनी सत्ता को बचाने के लिए जोर लगा रही है. तो वहीं कांग्रेस फिर सत्ता में आना चाहती है.

शिवराज सरकार पर भारी पड़ेगी बेरोजगारी
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मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लकेर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. जहां बीजेपी अपनी सत्ता को बचाने के लिए जोर लगा रही है. तो वहीं कांग्रेस फिर सत्ता में आना चाहती है. इसीलिए दोनों दलों की नजरें बेरोजगारों पर टिक गई हैं. बीजेपी स्थानीय कार्ड खेल कर युवाओं को लुभा रही है. तो वहीं कांग्रेस ने भी उसकी काट के लिए प्लान तैयार कर लिया है. साथ ही उसकी घोषणा की पोल खोल दी. मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव कई मायनों में अहम है. इस चुनाव के नतीजे सूबे में बीजेपी सरकार का भविष्य तय करेंगे. अगर जनता ने कमल का साथ दिया, तो शिव का राज बरकरार रहेगा…नहीं तो फिर से कमल की जगह कमलनाथ सत्ता में आ जाएंगे. इसी डर से सीएम शिवराज युवाओं पर डोरे डाल रहे हैं. चुनाव से पहले स्था्नीय कार्ड खेलकर लोगों को लुभाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन कांग्रेस ने भी उनके अरमानों पर पानी फेरने की ठान ली है. इसीलिए पार्टी ने युवाओं को रिझाने का प्लान तैयार किया है. पार्टी घर-घर जाकर युवाओं से बात करेगी और उन्हें बीजेपी की विफलताओं के बारे में बताएगी. पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने मध्यप्रदेश के युवाओं को 100 फीसद रोजगार देने की भावना को ठीक तो बताया है, लेकिन प्रदेश के बाहर के बेरोजगारों को नौकरी नहीं देने की घोषणा को चुनावी राजनीति करार दिया… उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार युवाओं को भ्रमित कर रही है. इसी तरह की घोषणा विधानसभा चुनाव-2018 के पहले की गई थी, जिसमें प्रदेश के बाहर के नौजवानों को रोजगार पाने से रोकने के लिए आयु सीमा घटाई थी और अदालत ने इसे खारिज कर दिया था. कांग्रेस नेता ने कहा कि शिवराज सरकार अगर वास्तव में प्रदेश के बाहर के बेरोजगारों को मध्य प्रदेश में नौकरी से रोकना चाहती है तो पहले कानूनी प्रावधान करे। भारत के संविधान में यह व्यवस्था है कि देश के किसी भी नागरिक को किसी भी हिस्से में नौकरी हासिल करने या रहने से नहीं रोका जा सकता. बीजेपी को कानून का पाठ पढ़ाने के साथ-साथ कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार उपचुनाव को देखकर केवल चुनावी घोषणाएं करने में जुटी है…अब कांग्रेस ने सरकार की पोल पट्टी खोलकर रख दी है. जिससे उसकी परेशानी बढ़ सकती है,


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