Top
Begin typing your search above and press return to search.

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू कश्मीर में तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू करने को आज सुबह मंजूरी दे दी

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन
X

श्रीनगर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू कश्मीर में तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू करने को आज सुबह मंजूरी दे दी। इससे पहले राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करने के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने जम्मू कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्यपाल शासन लागू करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। राष्ट्रपति वर्तमान समय में सूरीनाम की यात्रा पर हैं और उन्होंने वही पर इस सिफारिश को स्वीकार किया। दरअसल भाजपा ने पीडीपी से अपना समर्थन वापस ले लिया जिसके चलते जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार गिर गई। जिसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

राज्यपाल ने कविंदर गुप्ता और महबूबा मुफ्ती से चर्चा कर यह सुनिश्चित किया क्या उनके संबंधित राजनीतिक दल राज्य में सरकार गठन के लिए वैकल्पिक गठबंधन बनाने का इरादा रखते हैं और दोनों नेताओं ने ना में जवाब दिया। राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जीए मीर से भी बात की। मीर ने बताया कि उनकी पार्टी के पास अपने बूते पर या गठबंधन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है। इसके बाद राज्यपाल ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के साथ बैठक की। उमर ने कहा कि राज्यपाल शासन और राज्य में चुनावों के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

सरकार नहीं बनी तो छह माह बाद राष्ट्रपति शासन

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के संविधान के सेक्शन 92 के मुताबिक, राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के बाद भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी से 6 महीने के लिए राज्यपाल शासन लगाया जा सकता है। राज्यपाल शासन के दौरान या तो विधानसभा को निलंबित कर दिया जाता है या उसे भंग कर दिया जाता है। राज्यपाल शासन लगने के 6 महीने के भीतर अगर राज्य में संवैधानिक तंत्र दोबारा बहाल नहीं हो पाता है तो भारत के संविधान की धारा 356 के तहत जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन के समय को बढ़ा दिया जाता है और यह राष्ट्रपति शासन में तब्दील हो जाता है। मौजूदा परिस्थिति को मिलाकर अब तक जम्मू-कश्मीर में 8 बार राज्यपाल शासन लगाया जा चुका है।

राज्य के 12वें राज्यपाल है वोहरा

वोहरा जम्मू कश्मीर के 12वें राज्यपाल हैं। 2008 में उन्होंने एसके सिन्हा की जगह ली थी। गवर्नर बनने से पहले 2003 में उन्हें केंद्र सरकार की ओर से कश्मीर में वार्ताकार नियुक्त किया गया था। वर्ष 1954 से 1994 तक नौकरशाह रहे वोहरा ने केंद्रीय गृह एवं रक्षा सचिवों के रूप में सेवा दी थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री आईके गुजराल के प्रधान सचिव के रूप में 1997-98 में उन्हें सेवानिवृत्ति से वापस बुला लिया गया था। 2007 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 1989 में जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद के उदय के बाद वह पहले राज्यपाल हैं जो सेना या खुफिया विभाग से बाहर के व्यक्ति हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it