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सरकार की ‘पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’ मील का पत्थर: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने अनुसूचित जाति वर्ग (एससी) के छात्रों के लिए केंद्र सरकार की ओर से 59 हजार करोड़ रुपये से अधिक की ‘पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’ को मील का पत्थर बताया है

सरकार की ‘पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’ मील का पत्थर: भाजपा
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नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने अनुसूचित जाति वर्ग (एससी) के छात्रों के लिए केंद्र सरकार की ओर से 59 हजार करोड़ रुपये से अधिक की ‘पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’ को मील का पत्थर बताया है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम के साथ मंगलवार को यहाँ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में श्री गहलोत ने कहा ,”एससी वर्ग के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पांच गुना की बढ़ोतरी की है। लगभग आधे राज्यों को तो केंद्र से छात्रवृत्ति की राशि ही नहीं मिल पाती थी। कुछ राज्यों को आंशिक छात्रवृत्ति राशि मिलती थी तो कुछ राज्यों को ज्यादा मिलती था।”

उन्होंने कहा कि इस योजना में केंद्र का हिस्सा सालाना 12 - 13 सौ करोड़ रुपये ही होता था और अंतिम अंतिम दो वर्षों में तो औसतन 11 सौ करोड़ रुपये ही था। इतनी कम राशि के कारण दसवीं पास करने के बाद छात्रवृत्ति के अभाव में छात्रों को स्कूल छोड़ने को मजबूर होना पड़ता था। कम बजट के कारण राज्य सरकार भी छात्रवृत्ति देने में कठिनाई महसूस किया करती थी। समय पर छात्रों को छात्रवृत्ति की राशि भी नहीं मिल पाती थी। ऐसी परिस्थिति में राज्यों से विचार विमर्श करके हमने अनुसूचित वर्ग के छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में बदलाव किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मोदी सरकार ने अगले पांच वर्षों में अनुसूचित वर्ग के छात्रों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 59,048 करोड़ रुपये की राशि को अनुमोदित किया है जो पहले की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक है। इसमें केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपये खर्च करेगी जो कुल योजना का 60 फ़ीसदी है और शेष 40 फ़ीसदी राशि राज्य सरकारों द्वारा वहन की जाएगी। योजना के तहत छात्रों के बैंक खातों में सीधे छात्रवृत्ति की राशि भेजी जाएगी।”

उन्होंने उम्मीद जतायी कि दसवीं कक्षा से आगे पढ़ाई जारी न रख पाने वाले लगभग 1.36 करोड़ गरीब छात्रों को अगले पांच वर्षों में इस योजना के माध्यम से उच्च शिक्षा प्रणाली के दायरे में लाया जा सकेगा।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकारें ऑनलाइन पोर्टल पर पात्रता, जाति स्थिति, आधार पहचान व बैंक खातों के विवरण की जांच कर छात्रों की सूची केंद्र सरकार को सौंपेगी। उच्च शिक्षा में सबसे गरीब परिवारों के छात्रों के नामांकन के लिए अभियान चलाया जाएगा।

उन्होंने कहा , “योजना से पांच वर्षों में अनुसूचित जाति वर्ग के लगभग 4 करोड़ छात्रों को लाभ हो सकेगा। इस योजना के तहत छात्रों के खातों में पहले राज्य सरकार छात्रवृत्ति का पैसा हस्तांतरित करेगी और उसके बाद केंद्र सरकार अपने हिस्से की राशि हस्तांतरित करेगी। सभी राज्य सरकारें इस योजना से सहमत हैं और उन्होंने इसे लागू करने की संस्तुति दे दी है।”

गहलोत ने कहा , “अगले पांच सालों में केंद्र सरकार अपने हिस्से की राशि में हर वर्ष पाँच फ़ीसदी की वृद्धि करते हुए इसे 80 फ़ीसदी तक ले जायेगी जिससे राज्य सरकारों पर बोझ काफी कम पड़ेगा। यह योजना इसी वर्ष से लागू हो जायेगी। केंद्र सरकार मार्च तक लगभग 5,500 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार को दे देगी।”

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री गौतम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारें लगातार अनुसूचित वर्ग के साथ नाइंसाफी करती आई हैं। उन्होंने कहा , “पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर आज तक कांग्रेस की सरकारों ने अनुसूचित जाति के साथ केवल छल किया। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के साथ कांग्रेस ने कैसा दुर्व्यवहार किया था, ये हम सब जानते हैं।”

गौतम ने कहा , “मोदी सरकार आने के बाद नकली छात्रवृत्ति वाले लगभग 50 लाख मामले पकड़े गए। कांग्रेस की सरकारों का यह बहुत बड़ा घोटाला था जो छात्रवृत्ति का पैसा भी हड़प जाया करते थे।जन-धन और आधार से लाभार्थियों को जोड़े जाने और मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार के द्वारा पारदर्शिता को अपनाये जाने के कारण भ्रष्टाचार के मामलों में भारी कमी आई है।”

भाजपा महासचिव ने दावा किया कि मोदी सरकार की पारदर्शिता के कारण अब तक लगभग 1.4 लाख नकली एनजीओ पकड़े गए हैं, लगभग ढाई लाख नकली कंपनियां ख़त्म हुई हैं, लगभग 5 करोड़ नकली राशन कार्ड पकड़ा गया है, चार करोड़ के लगभग नकली एलपीजी कनेक्शन पकडे गए और मनरेगा के लगभग दो करोड़ नकली कार्ड भी ख़त्म हुए हैं।


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