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'निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि पर सरकारी आदेश वापस ले सरकार'

अरविन्द केजरीवाल सरकार स्कूल फीस वृद्धि, मैक्स अस्पताल सहित निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से आर्थिक लूट व ठंड से हो रही मौतों

निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि पर सरकारी आदेश वापस ले सरकार
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नई दिल्ली। अरविन्द केजरीवाल सरकार स्कूल फीस वृद्धि, मैक्स अस्पताल सहित निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से आर्थिक लूट व ठंड से हो रही मौतों, 16 करोड़ रुपए के आयुष घोटाले और डीटीसी की बसों की कमी व यात्रियों की घटती संख्या पर सामने आए समाचारों पर दिल्ली सरकार की लीपापोती के बाद एक सवाल सामने आता है कि खुद को दिल्ली का मालिक कहने वाले मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को जनता के रक्षक के रूप में देखें या राक्षस के रूप में।

यह सवाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आज करते हुए कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार की मिलीभगत के चलते स्कूलों ने छात्रों के अभिभावकों को 10 हजार से 40 हजार तक बकाया राशि भुगतान करने के नोटिस छात्रों के जरिए भेजे गए हैं और इनके चलते न सिर्फ अभिभावक, बल्कि छात्र भी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। फीस वृद्धि पर सरकार द्वारा बनाई कमेटी एक छलावा मात्र है और अब सरकार फिर फीस वृद्धि मामले में लीपा-पोती करने के प्रयास कर जनता को गुमराह कर रही है।

उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में अनेक स्कूलों से जुड़े अभिभावक संघों के प्रतिनिधि मुझसे मिले हैं और निजी स्कूलों द्वारा फेजे जा रहे नोटिसों की कॉपी मुझे दी हैं।

इसमें कहा है कि 7वें वेतन आयोग के अनुसार, शिक्षकों व कर्मचारियों का भुगतान करने के लिए फीस वृद्धि कर 1 जनवरी, 2016 से 30 नवम्बर, 2017 तक बकाया भी वसूल किया जा सकता है। स्कूलों ने अपने फीस वृद्धि नोटिस में दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के 17 अक्टूबर, 2017 के परिपत्र का जिक्र किया है।

शिक्षा निदेशालय के 17 अक्टूबर के परिपत्र अनुसार, वह निदेशालय को केवल ऑनलाइन सूचना देकर फीस वृद्धि वसूल सकते हैं। इसके अलावा स्कूल 1 दिसम्बर, 2017 से 15 प्रतिशत नियमित फीस वृद्धि भी कर सकते हैं। तिवारी ने कहा कि निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर साफ हो गया है कि केजरीवाल सरकार की निजी स्कूलों के प्रबंधन से सांठ-गांठ है और वृद्धि की पूर्व जानकारी केजरीवाल सरकार को थी।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार 17 अक्टूबर, 2017 के शिक्षा निदेशालय के परिपत्र को वापस ले, क्योंकि निजी स्कूल इसी का लाभ उठाकर फीस वृद्धि कर रहे हैं।


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