नालों की सफाई मामले में जांच कराएगी सरकार : अमानतुल्ला खान
मानसून आने से पहले नालों की सफाई का दावा करने वाले तमाम विभाग जल्द ही सतर्कता विभाग के निशाने पर आने वाले हैं
नई दिल्ली (देशबन्धु)। मानसून आने से पहले नालों की सफाई का दावा करने वाले तमाम विभाग जल्द ही सतर्कता विभाग के निशाने पर आने वाले हैं। दरअसल, राजधानी की तमाम सिविक एजेंसियों ने एक स्वर में नालों की सफाई का काम पूरा होने का दावा किया था। इस बाबत दिल्ली उच्च न्यायालय में बाकायदा हलफनामा भी दायर किया था लेकिन मानसून के दौरान दिल्ली में जलभराव होने से एजेंसियों की पोल खुल गई।
ऐसे में दिल्ली सरकार ने गलत हलफनामा दायर करने वाले अधिकारियों की भूमिका की जांच कराने का फैंसला किया है। उक्त बातें ओखला विधायक अमानतुल्ला खान ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की आमसभा की बैठक में बुधवार को कहीं। उन्होंने कहा कि सतर्कता विभाग की रिपोर्ट के आधार पर सरकार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगी।
अमानतुल्ला खान ने कहा कि उपराज्यपाल की निगरानी में लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव की देखरेख में समिति गठित की गई थी। इस समिति में तीनों नगर निगमों के अलावा लोक निर्माण विभाग, बाढ़ एवं नियंत्रण विभाग समेत कई अन्य विभाग भी शामिल हैं। समिति ने पहले 5 जून एवं बाद में 15 जून को दिल्ली उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर कर नालों की सफाई का काम 90 फीसद पूरा होने की बात कही। वहीं, नगर निगमों ने तो 97 फीसद नालों की सफाई का दावा किया था।
हालांकि बाद में विधानसभा की याचिका समिति ने जब नगर निगम के नालों की सफाई का जायजा लिया तो पता चला कि कई जगह तो गाद निकालने का काम शुरू भी नहीं हुआ है। इन तथ्यों से विधानसभा को भी अवगत कराया गया। तय किया गया कि गलत हलफनामा दायर कर जनता को गुमराह करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। ऐसे में नालों की सफाई की जांच सतर्कता विभाग से कराई जा रही है। जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी।


