Top
Begin typing your search above and press return to search.

बैटरी क्षमता, चार्जिंग नेटवर्क के विस्तार पर ध्यान देगी सरकार: गोयल

केन्द्रीय वाणिज्य उद्योग एवं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार देश में इलैक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार

बैटरी क्षमता, चार्जिंग नेटवर्क के विस्तार पर ध्यान देगी सरकार: गोयल
X

नयी दिल्ली । केन्द्रीय वाणिज्य उद्योग एवं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार देश में इलैक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार है तथा इसके लिए वह अधिक सक्षम बैटरियों के निर्माण के लिए अनुसंधान एवं विकास तथा विस्तृत चार्जिंग नेटवर्क पर ध्यान दे रही है।

गोयल ने यहां विश्व ऊर्जा नीति शिखर सम्मेलन में अपने संबाेधन में कहा कि भारत में हम तेजी से इलैक्ट्रिक वाहनों की दिशा में बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि इलैक्ट्रिक वाहन की परिचालन लागत कम से कम हो और हर कार पेट्रोलियम ईंधन की बजाय इलैक्ट्रिक हो। उन्होंने कहा कि इसके लिए सब्सिडी को कम करके अधिक क्षमता वाली बैटरियों के विकास एवं अनुसंधान तथा देशव्यापी विस्तृत चार्जिंग नेटवर्किंग पर खर्च किया जाये।

उन्होंने कहा कि हम देखना चाहते हैं कि वर्ष 2030 तक देश में लगभग सभी वाहन सघन प्राकृतिक गैस (सीएनजी), हाइड्राेजन या बिजली से चलने वाले हों। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में गैस ऊर्जा का भी महत्वपूर्ण स्थान होगा। खनिज तेल भी प्रयोग में रहेगा। कोल मीथेन गैस से भी कार्बन का उत्सर्जन कम होता है।

उन्होंने कहा कि सरकार ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ के लिए सुशासन, सतत आजीविका एवं स्वच्छ वातावरण के लिए प्रतिबद्ध है। स्वच्छ भारत अभियान इसीलिए चलाया गया है। इससे कार्बन उत्सर्जन कम करने में काफी मदद मिली है। उज्जवला योजना और एलईडी बल्ब योजना ने सात अरब डॉलर की बचत हुई। एलईडी बल्बों के दाम 85 प्रतिशत कम हुए हैं।

रेलवे का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय रेलवे का 55 प्रतिशत नेटवर्क विद्युतीकृत हो गया है। अगले चार पांच वर्षों में रेलवे का संपूर्ण नेटवर्क विद्युतीकृत हो जाएगा। वर्ष 2030 तक रेलवे 20 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करेगी। इस प्रकार से भारतीय रेलवे शून्य कार्बन उत्सर्जन वाली रेल प्रणाली हो जाएगी। अमेरिका, रूस, चीन और यूरोप को भी इससे सीखना होगा।

उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि विकसित देशों ने कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए उदासीन रवैया अपनाया है जबकि विकासशील देश इस बारे में गंभीर हैं।

कार्यक्रम में सऊदी अरब की ऊर्जा कंपनी अरामको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला एस जुमाह और नाॅर्वे की कंपनी रीस्ताद एनर्जी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जारांड रीस्ताद उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष नरेन्द्र तनेजा ने किया।



Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it