सरकार करतारपुर गलियारा के लिए पाकिस्तान सरकार से करे बात: परमजीत सिंह सरना
पंजाब के विभिन्न् सिख संगठनों तथा शिरोमणि अकाली दल दिल्ली ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के लिए गलियारा बनाने के लिए पाकिस्तान की

जालंधर। पंजाब के विभिन्न् सिख संगठनों तथा शिरोमणि अकाली दल दिल्ली ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के लिए गलियारा बनाने के लिए पाकिस्तान की सरकार से बात करें।
शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने अन्य सिख संगठनों सहित आज प्रेस सम्मेलन में पत्रकारों से कहा कि देश-विदेश में रह रहे करोड़ों सिख करतारपुर साहिब के लिए गलियारा की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 25 सितंबर को पाकिस्तान के इस्लामाबाद में उनकी बैठक नसर उल कादरी से हुई थी जहां कादरी ने बताया कि अगर भारत सरकार संपर्क करे तो पाकिस्तान सरकार गलियारा परियोजना के लिए सहमत है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की सरकार ने 21 सितंबर को संबधित क्षेत्र का सर्वेक्षण भी करवा लिया है। इसके अतिरिक्त डेरा बाबा नानक तथा करतारपुर साहिब के बीच 1965 से पहले से बने पुल को भी मरम्मत कर फिर से चालू करने की योजना बनायी गयी है। सिख श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब ले जाने के लिए पाकिस्तान ने वातानुकूलित बसें भी खरीद ली हैं।
सरना ने कहा कि 550वें वार्षिक गुरु पर्व के अवसर पर गलियारा शुरू करने की मांग को लेकर उन्होंने हस्ताक्षर मुहिम शुरू की है जिसके तहत दिल्ली में 80 हजार से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। आज जालंधर के संगठनों ने 10 हजार हस्ताक्षर श्री सरना को सौंपे। उन्होंने बताया कि देश भी में हस्ताक्षर मुहिम चलाई जा रही है। यह हस्ताक्षर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सौंपे जाएंगे।
सरना ने कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कभी भी भारत या पाकिस्तान की सरकार से करतारपुर गलियारा की मांग नहीं की है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह से भी सिखों की इस चिर लंबित मांग पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी केन्द्रीय मंत्रियों के साथ होने वाली सभी बैठकों में इस मुद्दे को उठाना चाहिए।
इस अवसर पर विभिन्न सिख संगठन, सिख तालमेल समिति, भाई घनेया सेवक दल, दुष्ट दमन दल खालसा, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली, शान-ए-खालसा, दशमेश फुलवाड़ी, सिख यूथ क्लब, दस्तार-ए-खालसा तथा गुरुद्वारा समितियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।


