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सरकार पेट्रोल और डीजल पर टैक्सों का बोझ कम करे: सुरजेवाला

वरिष्ठ कांग्रेस नेता व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने देश व प्रदेश की भाजपा सरकारों से पेट्रोल/डीजल पर टैक्सों का भार कम करके उसे जीएसटी के दायरे में लाने की मांग

सरकार पेट्रोल और डीजल पर टैक्सों का बोझ कम करे: सुरजेवाला
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चंडीगढ़। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने देश व प्रदेश की भाजपा सरकारों से पेट्रोल/डीजल पर टैक्सों का भार कम करके उसे वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग की है।

पेट्रोल व डीजल की आसमान छूती कीमतों के लिए केंद्र व प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए आज यहां जारी एक बयान में श्री सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र की पिछली कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के मुकाबले कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें आधी हो जाने के बावजूद भी जनता पेट्रोल व डीजजल की ज्यादा कीमतें देने को मजबूर हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने पिछले साढ़े तीन सालों में केंद्रीय एक्साईज शुल्क में 11 बार बढ़ोत्तरी करके पेट्रोल पर 133.47 प्रतिशत तथा डीजल पर 400.86 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर दी है।

श्री सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने भी जनता पर भारी बोझ लादते हुए मूल्य समर्थित कर (वैट) में पांच से ज्यादा बार वृद्धि करते हुए पेट्रोल में 21 प्रतिशत से बढ़ाकर वैट को 26.25 प्रतिशत और डीजल में लगभग दोगुनी वृद्धि करते हुए 9.24 प्रतिशत से बढ़ाकर उसे 17.22 प्रतिशत कर दिया है।

वर्ष 2013-14 में प्रदेश को डीजल/पेट्रोल पर वैट से 4591 करोड़ रु. आय हुई थी, जिसे वर्तमान भाजपा सरकार ने जनता पर भारी टैक्सभार लादते हुए 2016-17 में 7000 करोड़ रु. कर दिया है।

भारत में पेट्रोल व डीजल की कीमतों की पड़ोसी देशों से तुलना करते हुए भारत के पेट्रोलियम प्लानिंग एवं एनालिसिस सेल के अधिकृत आंकड़ों के हवाले से सुरजेवाला ने कहा कि भारत में पेट्रोल व डीजल सभी पड़ोसी देशों से कहीं ज्यादा महंगे हैं।

भारत में पेट्रोल 71 रु. से 80 रु. तथा डीजल 61.50 रु. से 65.53 रु. के बीच बिक रहा है, जबकि 1 जनवरी, 2018 को पाकिस्तान में पेट्रोल व डीजल की कीमतें क्रमशः 45.68 रु. और 51.97 रु.; श्रीलंका में पेट्रोल 48.73 रु. और डीजल 39.57 रु.; नेपाल में पेट्रोल 63.58 रु. और डीजल 49.10 रु. प्रति लीटर और बांग्लादेश में पेट्रोल 66.29 रु. और डीजल 50.11 रु. हैं।

आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि जब 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई, तो कच्चे तेल के दाम 108 डॉलर/बैरल थे, जो इस साल औसतन आधे से भी कम रहे। इसके बावजूद पेट्रोल व डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं।

हरियाणा में पेट्रोल आज 72.16 रु. और डीजल 62.74 रु. मिल रहा है, जबकि कांग्रेस के समय दोगुनी कच्चे तेल की कीमतों के बावजूद पेट्रोल 71.92 रु. और डीज़ल 55.61 रु. मिलता था, जो कि लगभग सभी अन्य प्रदेशों से सस्ता था लेकिन आज स्थिति उलट हो गई है।

सुरजेवाला ने केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकारों से भारी केंद्रीय एक्साईज़ शुल्कों, वैट तथा अन्य टैक्स हटाकर पेट्रोल व डीजल की कीमतें तत्काल कम करने की मांग की है, क्योंकि इससे भाजपा सरकार के खजाने तो भर रहे हैं लेकिन आम जनता की कमर टूट रही है।

उन्होंने याद दिलाया कि जब इस साल जुलाई में जीएसटी पारित हुआ था, तब कांग्रेस पार्टी ने मांग की थी कि पेट्रोलियम उत्पाद, बिजली और रियल इस्टेट को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाए।

पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाए जाने से केंद्रीय एक्साईज शुल्क और वैट (राज्यों द्वारा दिए जाने वाले) का दोहरे टैक्स का भार कम होगा और इससे ईंधन की कीमतों में कमी आएगी।


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