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चुनावी बौंड का विवरण संसद में दे सरकार : कांग्रेस

कांग्रेस ने चुनावी बौंड को सरकार और कारपोरेट घरानों की साजिश से तैयार राजनीतिक भ्रष्टाचार करार देते हुए इससे संबंधित संपूर्ण विवरण संसद के दोनों सदनों में रखने की मांग की

चुनावी बौंड का विवरण संसद में दे सरकार : कांग्रेस
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नयी दिल्ली। कांग्रेस ने चुनावी बौंड को सरकार और कारपोरेट घरानों की साजिश से तैयार राजनीतिक भ्रष्टाचार करार देते हुए इससे संबंधित संपूर्ण विवरण संसद के दोनों सदनों में रखने की मांग की है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलामनबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला तथा आनंद शर्मा ने बुधवार को संसद भवन में विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह चुनावी बौंड ‘बेइमानी बौंड’ है और इसको लेकर सरकार ने भारतीय जनता पार्टी का खजाना भरने तथा कारपोरेट घरानों को काला धन सफेद करने की साजिश की है।

उन्होंने कहा कि चुनावी बौंड संबंधी जानकारी हासिल करने के लिए उसी सूचना के अधिकार कानून का इस्तेमाल किया गया जिसे यह सरकार कमजोर करने में लगी है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसा इस बौंड को जारी करने को लेकर रिजर्व बैंक तथा चुनाव आयोग ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा था कि इससे चुनावी पारदर्शिता खत्म होगी और भ्रष्टाचार बढेगा। सरकार ने इन अापत्तियों को तरजीह नहीं दी और उसे नजर अंदाज करते हुए चुनावी बौंड जारी करने का निर्णय लिया।

चुनावी बौंड को जारी करने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय पर सीधे हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में नियमों का उल्लंघन किया गया है। इस बौंड के माध्यम से दान देने और लेने के लिए विशेष एकल खिडकी पहले दस दिन के लिए खोली गयी और इसमें 222 लोगों ने दान दिया और इस दौरान जो दान मिला उसका 95 फीसदी पैसा भाजपा को गया है।

अभिनव

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कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चुनावी बौंड के लिए बने कानून मे व्यवस्था है कि इस बौंड के माध्यम से किसने कितना पैसा किसको दिया है इसका खुलासा नहीं किया जाएगा लेकिन सरकार के पास इसकी जानकारी होगी। इसका मतलब यह हुआ कि विपक्षी दलों को जो पैसा मिलेगा उसकी पूरी जानकारी सरकार के पास होगी और सत्ताधारी दल को कितना पैसा मिला इसकी किसी को कानोकान खबर नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि कानून में गोपनीयता की व्यवस्था को महत्व दिया गया है। यानी कि बौंड के माध्यम से दान देने और दान लेने वाले के नाम का खुलासा नहीं किया जएगाहै जिससे साफ होता है कि यह चुनावी बौंड नहीं बल्कि ‘बेइमानी बौंड’ है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि इससे शेल कंपनियों का कारोबार बढेगा और देश में भ्रष्टाचार पनपने लगेगा। सरकार ने चुनाव आयोग तथा रिजर्व बैंक की आपत्तियों को खारिज किया और इस बौंड को प्रधानमंत्री कार्यालय से मिल रहे दिशा निर्देशों के अनुसार आगे बढाया गया।

कांग्रेस नेताओ ने कहा कि इन बौंडों के माध्यम से सरकार ने सरकार ने भ्रष्टाचार को बढाने का काम किया है इसलिए उसे संसद में बतानाचा हिए कि इस जरिए से किस दल को और कितना पैसा किस दानदाता की तरफ से दिया गया है। संसद में इस खुलासे के बाद पारदर्शिता तथा शुचिता की बात करने वाली इस सरकार को इस मामले की व्यापक जांच होनी चाहिए।


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