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वायु प्रदूषण नियंत्रण पर सरकार गंभीर: जावड़ेकर

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही वायु प्रदूषण को गंभीरता

वायु प्रदूषण नियंत्रण पर सरकार गंभीर: जावड़ेकर
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नयी दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही वायु प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए इसे नियंत्रित करने के लिए कईं कदम उठाये हैं जिससे राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में भी वायु की गुणवत्ता बेहतर हुई है।

जावड़ेकर ने सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 2006 से दिल्ली की हवा लगातार खराब होती जा रही थी लेकिन 2014 तक इस बारे में न तो बात की गई और न ही इसे सुधारने के लिए ज्यादा काम किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मामले में 2015 में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए एयर क्वालिटी इंडेक्स शुरू किए और देश भर में बीएस 4 मानक लागू हुआ जिससे भारी वाहनों , बसों और ट्रकाेें से निकलने वाला पार्टिकुलेट मैटर 80 प्रतिशत तक कम हुआ। अब एक अप्रैल 2020 से बीएस 6 ईंधन बाजार में आ जाएगा और इससे भी वाहनों के प्रदूषण में कमी आएगी। इस पर सरकार ने 60 हजार करोड़ रुपये खर्च किये हैं।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि ईस्टर्न और वेस्टर्न एक्सप्रेस वे बनाया गया जिसके कारण अब रोजाना 40 हजार ट्रक दिल्ली से बाहर से निकल जाते हैं और इससे राजधानी में होने वाले प्रदूषण में कमी आयी है। पहले ये ट्रक राजधानी से होकर गुजरते थे और इनसे काफी प्रदूषण फैलता था। इसके अलावा सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम 2019 को सख्ती से लागू किया है। राजधानी में पहले वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट पीयूसी रोजाना दस से बारह हजार लोग लेते थे लेकिन अब नियम सख्त हो जाने के कारण 40 से 45 हजार सर्टिफेकट प्रतिदिन लिये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे अच्छा नेटवर्क दिल्ली मेट्रो का है। अब यह हरियाणा, उत्तर प्रदेश तक जा रहा है। इससे सड़कों पर चार लाख वाहनों में कमी आई है। उद्योगों से प्रदूषण कम करने के लिए बदरपुर थर्मल पावर प्लांट को बंद किया गया जिससे आठ टन पार्टिकुलेट मैटर, 44.7 टन सल्फर डाइऑक्साइड तथा 128.4 टन नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आयी है।

उन्होंने कहा कि तीन हजार ईंट भट्ठों में जिकजैक तकनीक का इस्तेमाल किया गया जिससे प्रदूषण में कमी आयी। सरकार ने कचरे के निष्पादन के लिए कईं योजनाएं लागू की है जिससे दिल्ली में 52 मेगावाट बिजली अब कचरे से पैदा हो रही है। इसके साथ ही वेस्ट कंपोस्ट प्लांट लगाया गया है।

श्री जावडेकर ने कहा कि पहले हरियाणा पंजाब में किसान फसल कटाई के बाद पराली जलाते थे जिससे दिल्ली में प्रदूषण रहा था लेकिन इस समस्या को देखते हुए किसानों को अब 18 हजार मशीनें दी गई है। इसके लिए सरकार ने 1150 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। इन मशीनों के माध्यम से पराली की खेत में कटाई करके इसे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। राजधानी में प्रदूषण पर निगरानी रखने के लिए दिल्ली एनसीआर में 46 विशेष दल उतारे गये हैं जो प्रदूषण रोकथाम पर सख्ती से कार्रवाई करेंगे।

उन्होंने कहा कि हवा किसी राज्य की सीमा नहीं मानती है। इसके लिए सभी राज्यों को मिलकर काम करना चाहिए पर्यावरण मंत्री ने दीपावली पर पटाखों से प्रदूषण को फैलने से रोकने के लोगों से ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल करने का आह्वान किया है।

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के प्रदूषण पर चलाये जा रहे विज्ञापनों पर श्री जावड़ेकर ने निशाना साधते हुए कहा, 'मैं तू -तू मैं -मैं नहीं करता, काम करे कोई, टोपी पहने कोई। हम प्रदूषण से लड़ रहे हैं किसी व्यक्ति से नहीं।'


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