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झारखंड : शिबू सोरेन का रांची स्थित सरकारी आवास हेरिटेज भवन बनेगा, हेमंत सोरेन की सरकार का फैसला

झारखंड सरकार ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन उर्फ गुरुजी के रांची स्थित सरकारी आवास को हेरिटेज भवन के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है

झारखंड : शिबू सोरेन का रांची स्थित सरकारी आवास हेरिटेज भवन बनेगा, हेमंत सोरेन की सरकार का फैसला
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रांची। झारखंड सरकार ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन उर्फ गुरुजी के रांची स्थित सरकारी आवास को हेरिटेज भवन के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसपर कुल चार करोड़ साठ लाख रुपये खर्च किये जायेंगे। इसके लिए सरकार के भवन निर्माण विभाग ने टेंडर भी जारी कर दिया है। शिबू सोरेन झारखंड अलग राज्य के लिए हुए आंदोलन के अग्रणी नेता रहे हैं। वह अल्प अवधि के लिए दो बार झारखंड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। फिलहाल पार्टी के अध्यक्ष और राज्यसभा के सांसद हैं। वह झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता हैं। बता दें कि शिबू सोरेन ने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत सूदखोरी और महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन के साथ की थी। आदिवासियों को उन्होंने शोषण और अत्याचार के खिलाफ एकजुट किया। बाद में उन्होंने अलग झारखंड की लड़ाई के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा बनायी। उनकी अगुवाई में झारखंड अलग राज्य के लिए वर्षों आंदोलन चला। वह कई बार सांसद चुने गये। केंद्र में मंत्री भी रहे। हालांकि केंद्र की नरसिंह राव सरकार के दौरान सांसद रिश्वत कांड में भी उनका नाम आया। इसके अलावा अपने ही सचिव शशिनाथ झा की हत्या में भी उन्हें आरोपी बनाया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से वह बरी हो गये। उन्हें आदिवासियों ने 'दिशोम गुरु' की उपाधि दे रखी है। पूरे राज्य में उन्हें गुरुजी के नाम से जाना जाता है।

बता दें कि झारखंड में सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को रांची के रिहायशी इलाकों में सरकारी आवास आवंटित किया गया है। शिबू सोरेन को यह सुविधा पूर्व मुख्यमंत्री के बजाय झारखंड आंदोलनकारी के नाते दी गयी है। चार एकड़ क्षेत्रफल वाला यह आवास उन्हें आजीवन काल के लिए आवंटित किया गया है। वे अपनी पत्नी के साथ यहीं रहते हैं।

इसी आवासीय परिसर को हेरिटेज के रूप में विकसित किया जायेगा। सरकार का कहना है कि इस भवन को हेरिटेज के रूप में विकसित करने के पीछे उद्देश्य यह है कि राज्य के लोग सूदखोरी-महाजनी प्रथा से लेकर झारखंड आंदोलन तक लंबी लड़ाई लड़ने वाले नेता के जीवन और संघर्ष के बारे में प्रामाणिक तरीके से सही जानकारी हासिल कर पायें। भवन निर्माण विभाग ने इसके लिए जो टेंडर नोटिस निकाला है, उसमें बताया गया है कि निर्माण कार्य छह महीने में पूरा कर लिया जाना है।


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