नेटफ्लिक्स-अमेजन से लेकर फेसबुक-ट्विटर तक के लिए सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन
आज गुरुवार को नेटफ्लिक्स-अमेजन जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म, फेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए भारत सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है

नई दिल्ली। आज गुरुवार को नेटफ्लिक्स-अमेजन जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म, फेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए भारत सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। जी हां अब सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सरकार के बनाए नए कानूनों के तहत ही काम करना होगा। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी।
रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस करके ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के लिए नई गाइडलाइन्स की जानकारी दी। रविशंकर प्रसाद ने कहा सोशल मीडिया को 2 श्रेणियों में बांटा गया है, एक इंटरमीडरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडरी। सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडरी पर अतिरिक्त कर्तव्य है, हम जल्दी इसके लिए यूजर संख्या का नोटिफिकेशन जारी करेंगे। कंटेंट को लेकर भी सरकार ने साफ किया कि कोर्ट के आदेश और सरकार द्वारा पूछा जाने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शरारती कंटेट का ओरिजनेटर बताना होगा।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया के कानून को हम तीन महीने में लागू करेंगे। यूजर्स की गरिमा को लेकर अगर कोई शिकायत की जाती है, खासकर महिलाओं की गरिमा को लेकर तो आपको शिकायत करने के 24 घंटे के अंदर उस कंटेट को हटाना होगा।
उन्होंने आगे कहा एक शिकायत निवारण तंत्र रखना होगा और शिकायतों का निपटारा करने वाले ऑफिसर का नाम भी रखना होगा। ये अधिकारी 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण करेगा और 15 दिनों में उसका निपटारा करेगा। उन्होंने कहा एक शिकायत निवारण तंत्र रखना होगा और शिकायतों का निपटारा करने वाले ऑफिसर का नाम भी रखना होगा। ये अधिकारी 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण करेगा और 15 दिनों में उसका निपटारा करेगा।
ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा OTT प्लेटफॉर्म के लिए त्रि-स्तरीय तंत्र होगा। OTT प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया को अपने बारे में जानकारी देनी होगी, एक शिकायत निवारण तंत्र होना चाहिए। सेल्फ रेगुलेशन होनी चाहिए, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट का सेवानिवृत्त जज करेगा या इस श्रेणी का कोई प्रख्यात व्यक्ति करेगा। एक ओवरसाइड तंत्र भी होगा।
सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर शिकंजा कसते हुए कहा ओटीटी और डिजिटल मीडिया को सूचना और प्रसारण मंत्रालय देखेगा और इंटरमीडरी प्लेटफॉर्म का संज्ञान आईटी मंत्रालय लेगा।
आपको बता दें कि वेब सीरीजी तांडव के बाद से ही ओटीटी प्लेटफॉर्म के कंटेंट को लेकर लगातार विवाद बना हुआ था। ये कहा गया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म में धार्मिक भावनाओं को आहत किया जा रहा है इसलिए सरकार को इसपर संज्ञान लेना चाहिए। अब सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी है।


