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किसानों से खुले मन से बातचीत के लिए सरकार तैयार: भूपेंद्र यादव

 भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों पर आगे बढ़ने से देश और गांव में समृद्धि आएगी

किसानों से खुले मन से बातचीत के लिए सरकार तैयार: भूपेंद्र यादव
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों पर आगे बढ़ने से देश और गांव में समृद्धि आएगी। उन्होंने तीनों कानूनों को ग्रामीण क्षेत्रों में नई आशा का संचार करने वाला बताते हुए कहा कि इस पर किसानों से खुले मन से बातचीत के लिए सरकार तैयार है और उन्हें आमंत्रण भी भेजा गया है।

भाजपा के राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को राज्यसभा में बजट पर चर्चा करते हुए इसे कोरोना काल की पांच प्रमुख चुनौतियों से निपटने वाला बताया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र, भारत की रीढ़ है। मोदी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के लिए पिछले छह साल में कई बड़े कार्य किए हैं। चाहे हर गांव में बिजली पहुंचाना हो, सड़क बनानी हो, पक्के मकान देना हो या फिर उज्‍जवला योजना का लाभ पहुंचाना हो।

भूपेंद्र यादव ने कहा, कृषि क्षेत्र के सामने तीन बड़ी चुनौतियां हैं। उत्पादन बढ़े, भंडारण बढ़े और उसका प्रसंस्करण हो, जिसके लिए तीन नए कानूनों की जरूरत पड़ी। तीनों विषयों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे तो देश और गांव की समृद्धि आएगी। सरकार खुले मन से बातचीत को तैयार है। सरकार द्वारा आमंत्रण भी दिया गया है।

भूपेंद्र यादव ने कहा कि विपक्ष के नेता पब्लिक सेक्टर पर बात कर रहे थे। देश के पब्लिक सेक्टर के लिए चौधरी चरण सिंह की राय भी जान लेना जरूरी है। चौधरी चरण सिंह ने 1980 में पुस्तक लिखी थी। इसमें उन्होंने पीएसयू के खराब प्रबंधन पर सवाल उठाए थे। जो यूनिट लगातार घाटे में जाती रही। उसके घाटे को सरकार बर्दाश्त करती रहे। अब बड़े बदलाव लाने की तैयारी हुई है।

भाजपा के राज्यसभा सांसद ने कहा कि कांग्रेस का दुर्भाग्य रहा कि उसने भारत की जड़ों से जुड़ने वाले चौधरी चरण सिंह, लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय की बातों को इग्नोर किया। लेकिन, मोदी सरकार के बजट में सभी बातों का समावेश किया है।

राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि इस बजट के माध्यम से पांच प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने की कोशिश हुई है। कोरोना के कारण प्रभावित हेल्थ सेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्च र, कृषि और ग्रामीण सभी क्षेत्रों को इस बजट ने छुआ है। देश बजट से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को जल्दी प्राप्त करेगा।


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