सरकारी अधिकारियों में मानवीय संवेदना जरूरी : रमन
रायपुर ! मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सरकारी अधिकारियों में मानवीय संवेदनाओं की जरूरत पर विशेष रूप से बल दिया और कहा कि आम-जनता के प्रति उनके मन में अपनेपन की भावना होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री आईएएस एसोसिएशन सम्मेलन में हुए शामिल, राज्य की तरक्की में आईएएस की भूमिका को सराहा
रायपुर ! मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सरकारी अधिकारियों में मानवीय संवेदनाओं की जरूरत पर विशेष रूप से बल दिया और कहा कि आम-जनता के प्रति उनके मन में अपनेपन की भावना होनी चाहिए। डॉ. सिंह आज रात आईएएस एसोसिएशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन (कॉनक्लेव) को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ की तरक्की में आई.ए.एस. अधिकारियों की भूमिका की भी तारीफ की।
उन्होंने कहा - नया छत्तीसगढ़ राज्य अपनी जनता की बेहतरी और प्रदेश के विकास के लिए नए प्रयोगों की धरती के रूप में पहचाना जा रहा है। लोकतंत्र में जनता द्वारा निर्वाचित सरकार की योजनाओं को सरकार के प्रतिनिधि के रूप में जन-जन तक पहुंचाने और जरूरतमंद लोगों को उनका लाभ दिलाने में सभी शासकीय अधिकारियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। डॉ. सिंह ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का आव्हान करते हुए कहा कि सभी अधिकारियों को छत्तीसगढ़ की माटी से भावनात्मक रूप जुडक़र सरकार की रीति-नीति के अनुरूप जनता को अपनी सेवाएं देनी चाहिए। उन्होंने कहा - राज्य निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ ने शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, सडक़ नेटवर्क, बिजली जैसे अधोसंचरना निर्माण के साथ-साथ विकास के लगभग सभी क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सार्थक पहचान बनाई है और कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका बहुत बड़ा श्रेय हमारे आई.ए.एस. अधिकारियों को दिया जाना चाहिए, जिन्होंने मैदानी स्तर पर सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों और योजनाओं को अमलीजामा पहनाकर उन योजनाओं का फायदा आम जनता तक पहुंचाया। मुख्यमंत्री ने कहा - छत्तीसगढ़ शांति का टापू है। यहां अधिकारियों के लिए काम करने के अनेक अच्छे अवसर हैं।
डॉ. रमन सिंह ने यह भी कहा कि कई जिलों में नए आईएएस अधिकारियों ने अपने नए प्रयोगों के जरिए जिले की तस्वीर बदलने की दिशा में अच्छा काम किया है। ऐसे नवाचारों का सरकार हमेशा स्वागत करती है। मुख्य सचिव विवेक ढांड, एसोसिएशन के अध्यक्ष और प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव एन. बैजेन्द्र कुमार तथा एसोसिएशन के सचिव आर. प्रसन्ना ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इसके पहले आज सवेरे सम्मेलन के शुभारंभ सत्र में सामूहिक चर्चा आयोजित की गई, जिसमें एनआईपीएफपी के वरिष्ठ प्राध्यापक अजय शाह, भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1973 बैच के अधिकारी पूर्व केन्द्रीय उद्योग सचिव अजय शंकर और अंग्रेजी दैनिक ‘इकोनॉमिक टाईम्स’ के राष्ट्रीय मामलों के संपादक प्रणवधल सामंता ने भी संबोधित किया।


