Top
Begin typing your search above and press return to search.

कृषि कानून को लेकर देश को गुमराह कर रही सरकार: किसान यूनियन

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के एक नेता ने सरकार पर पलटवार करते हुए नये कृषि कानून को लेकर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है

कृषि कानून को लेकर देश को गुमराह कर रही सरकार: किसान यूनियन
X

नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के एक नेता ने सरकार पर पलटवार करते हुए नये कृषि कानून को लेकर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार ने किसानों के हित में कानून बनाने से पहले विरोध के बावजूद किसानों की राय नहीं ली क्योंकि सरकार इन कानूनों के माध्यम से कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाना चाहती है। उधर, सरकार का कहना है कि नये कृषि कानून किसानों के फायदे के लिए है लेकिन कुछ लोग इसे कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के नाम पर किसानों को गुमराह कर रहे हैं।

दिल्ली की सीमाओं पर चले रहे किसान आंदोलन में शामिल भाकियू के हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने मंगलवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि सरकार खरबों रुपये के एग्रो बिजनेस को कॉरपोरेट के हवाले करना चाहती है।

उन्होंने अध्यादेश के माध्यम से कोरोना काल में इस कानून को लागू करने पर भी सवाल उठाया है। गुरनाम सिंह का आरोप है कि केंद्र सरकार ने कोरोना काल में यह कानून इसलिए लाया ताकि लोग इसके विरोध में आंदोलन ना कर पाएं, लेकिन इसके बावजूद जब कड़ा आंदोलन हुआ तब कानून में संशोधन की बात की जा रही है।

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, जब अध्यादेश के बाद कानून बनाया गया (संसद के मानसून सत्र में तीनों अध्यादेश के बदले लाए गए विधेयकों को दोनों संसदों ने मुहर लगाई) और कानून बनाने से पहले देश में बगावत (नये कानून का विरोध) हो गई, उस वक्त इनको (सरकार) हमें बुलाना चाहिए था और किसानों से पूछना चाहिए था और इस पर बहस करनी चाहिए थी। जब बगावत हो चुकी तब इन्होंने किसानों को क्यों नहीं बुलाया और कानून में संशोधन की बात क्यों नहीं की।

गुरनाम सिंह ने सरकार पर आरोप लगाते हुए आगे कहा, इसका मतलब है कि ये देश को गुमराह कर रहे हैं और देश को गुमराह करके पूरा एग्रोबिजनेस कॉरपोरेट के हवाले करना चाहते हैं। यह खरबों का बिजनेस है जिससे देश का कोई भी वर्ग हो वह भुखमरी की कगार पर जाएगा और मोटा मुनाफा कॉरपोरेट को जाएगा।

भाकियू नेता ने कहा कि जिन लोगों से ये (सरकार) चुनावी चंदा लेते हैं उन कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए ही ये कानून बनाए गए हैं और देश को गुमराह किया जा रहा है।

गुरनाम सिंह ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मसले पर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) से बयान देने की मांग की। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के साथ आठ दिसंबर को हुई किसान नेताओं की मुलाकात के दौरान एमएसपी के मसले पर हुई चर्चा को दोहराते हुए कहा कि गृहमंत्री ने सभी 23 फसलों की सौ फीसदी खरीद एमएसपी पर करने से इनकार कर दिया था, लेकिन सरकार प्रचारित कर रही है कि वह एमएसपी पर फसलें खरीदने को तैयार है, इसलिए प्रधानमंत्री को इस पर बयान देना चाहिए।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it