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फर्जी प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी छीनी जा सकती है : सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि फर्जी प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी अथवा दाखिला पाने वालों की नौकरी और डिग्री भी छिन सकती है तथा वे सजा के हकदार होंगे

फर्जी प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी छीनी जा सकती है : सुप्रीम कोर्ट
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नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि फर्जी प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी अथवा दाखिला पाने वालों की नौकरी और डिग्री भी छिन सकती है तथा वे सजा के हकदार होंगे।

मुख्य न्यायाधीश जी एस केहर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने बम्बई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिकाओं को मंजूर करते हुए यह फैसला सुनाया।

शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय का वह फैसला रद्द कर दिया जिसमें उसने कहा था कि यदि कोई व्यक्ति बहुत लंबे समय से नौकरी कर रहा है और बाद में उसका प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है तो उसे सेवा में बने रहने की अनुमति दी जा सकती है। महाराष्ट्र सरकार के अलावा कई अन्य याचिकाकर्ताओं ने इस फैसले के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

न्यायालय ने कहा कि अगर कोई भी पढ़ाई या नौकरी के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र का इस्‍तेमाल करने का दोषी पाया गया तो उसे अपनी डिग्री और नौकरी दोनों से हाथ धोना पड़ेगा। ऐसे लोग सजा के पात्र भी होंगे।

पीठ ने स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि कोई व्‍यक्ति कितने सालों से नौकरी कर रहा है। अगर कोई व्‍यक्ति फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर 20 साल से भी नौकरी कर रहा है तो वह भी इसे गंवा देगा और सजा का हकदार होगा। इस तरह के व्‍यक्ति को कोई रियायत नहीं दी जाएगी। हालांकि न्यायालय ने स्प्ष्ट किया कि यह फैसला पूर्व प्रभाव से लागू नहीं होगा। यह अब से लागू होगा।


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