जम्मू-कश्मीर में विदेशी संवाददाताओं को रिपोर्टिग से क्यों रोक रही है सरकार: उमर अब्दुल्ला
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज आश्चर्य प्रकट किया कि क्या जम्मू एवं कश्मीर के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि सरकार विदेशी संवाददाताओं को राज्य में स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करने की इजाजत द

श्रीनगर। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज आश्चर्य प्रकट किया कि क्या जम्मू एवं कश्मीर के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि सरकार विदेशी संवाददाताओं को राज्य में स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करने की इजाजत देने से डर रही है।
वाशिंगटन पोस्ट की भारतीय ब्यूरो चीफ एनी गोवेन ने मंगलवार को ट्वीट किया कि वह अपनी दोस्त की शादी के लिए कश्मीर में हैं।
उन्होंने कहा, "लेकिन वह रिपोर्टिंग नहीं कर सकतीं, क्योंकि विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय द्वारा विदेशी पत्रकारों के दी जानी वाली आवश्यक विशेष मंजूरी उन्हें नहीं दी है। उन्होंने 22 जून को इसके लिए आवेदन किया था। जिसमें आवंछनीय देरी हो रही है।"
Has the situation in Kashmir deteriorated to such an extent that we are now afraid to let foreign correspondents report freely from Kashmir? Another crowning achievement of BJP’s Kashmir policy ably assisted by it’s partners in crime the PDP. https://t.co/ihOGQnfaGI
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 31, 2018
नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने गोवेन को मंजूरी नहीं दिए जाने को लेकर आपत्ति जताई है।
उन्होंने कहा, "क्या कश्मीर में हालात इस हद तक खराब हो गए हैं कि अब हम विदेशी संवाददाताओं को कश्मीर में स्वतंत्र रूप से रिपोर्टिग करने की मंजूरी देने से डर रहे हैं? भाजपा की कश्मीर नीति की एक और उपलब्धि, जिसमें पीडीपी ने पूर्ण रूप से सहयोग किया।"
विदेशी पत्रकारों को जम्मू एवं कश्मीर में रिपोर्टिंग करने के लिए 1990 के दशक की शुरुआत से गृह मंत्रालय की अनुमति लेनी होती है।


