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वन नेशन, वन इलेक्शन' पर सरकार गंभीर : पृथ्वीराज चव्हाण

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पहल पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, उनका एक स्पष्ट विजन रहा है कि देश में सभी चुनाव एक साथ कराए जाएं। सरकार इस दिशा में लगातार गंभीर प्रयास कर रही है

वन नेशन, वन इलेक्शन पर सरकार गंभीर : पृथ्वीराज चव्हाण
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मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पहल पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, उनका एक स्पष्ट विजन रहा है कि देश में सभी चुनाव एक साथ कराए जाएं। सरकार इस दिशा में लगातार गंभीर प्रयास कर रही है।

पृथ्वीराज चव्हाण ने रविवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर नीति आयोग ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी। इसके बाद कई विशेषज्ञों और संगठनों ने भी अपनी राय दी। साल 2023 में इस दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया, जब पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई। इस समिति ने विभिन्न पक्षकारों से सलाह-मशविरा करने के बाद लगभग 800 पृष्ठों की रिपोर्ट तैयार की और सरकार को सौंपी।

दोहा डायमंड लीग में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा के 90.23 मीटर भाला फेंकने की उपलब्धि पर चव्हाण ने कहा कि नीरज चोपड़ा हमारे देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने भाला फेंक प्रतियोगिता में देश को गौरवान्वित किया है। अब तक उन्होंने कई राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़े हैं और हाल ही में दोहा में आयोजित प्रतियोगिता में उन्होंने 90.23 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर न सिर्फ अपनी पिछली उपलब्धि को पीछे छोड़ा, बल्कि एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी स्थापित किया। पूरे देश को उन पर गर्व है।

विदेश में सरकार की ओर से भेजे जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों पर चव्हाण ने कहा कि जब भी कोई अंतर्राष्ट्रीय विवाद खड़ा होता है और भारत की भूमिका को वैश्विक मंच पर स्पष्ट करना होता है, तो सरकार संसद के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को भेजती है। इसका उद्देश्य यह संदेश देना होता है कि पूरा देश और सभी विपक्षी दल राष्ट्रीय हित में एकजुट हैं। यह कोई नई परंपरा नहीं है, पहले भी ऐसे प्रतिनिधिमंडल विदेशों में भारत का पक्ष रखने जाते रहे हैं। विपक्ष के नेताओं को भी इसीलिए इसमें शामिल किया जाता है।


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