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सरकार सब कुछ उद्योगपतियों को बेचने पर आमदा है: राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है

सरकार सब कुछ उद्योगपतियों को बेचने पर आमदा है:  राकेश टिकैत
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प्रयागराज। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है।

पश्चिम बंगाल से प्रयागराज पहुंचे राकेश टिकैत ने झलवा स्थित किसान नेता संजय यादव के आवास पर रविवार को संवाददाताओं से कहा कि सरकार सब कुछ उद्योगपतियों को बेचने पर आमदा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कोई कानून नहीं बनाया जा रहा है, जिससे यह साफ है कि यह सरकार किसान विरोधी है और उनके साथ विश्वासघात किया है।

उन्होंने कहा कि किसानों को जागरुक करने और हर वर्ग का समर्थन लेने के लिए वह यात्रा पर निकले हैं। लगातार उनका कार्यक्रम चल रहा है। पूरे देश में वे जाएंगे और केंद्र सरकार द्वारा किसान, व्यापारी, नौकरीपेशा लोगों के साथ किए गए छल को उजागर करेंगे।

किसान नेता ने कहा कि एमएसपी लागू करने से किसान का चावल 1850 रुपये में बिकेगा, लेकिन सरकार इस चावल को 900 रुपये में ही लेना चाहती है। अब किसान अपना चावल सरकार को नहीं देगा। उन्होने कहा कि सरकार न बात सुनने को तैयार है और न बातचीत के लिए। ऐसे में दिल्ली को अभी भी चारों तरफ से घेर कर रखा गया है। उन्होने कहा जब तक एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा और तीन कृषि कानून को रद नहीं किया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की जबरदस्ती के कारण किसान बर्बाद हो जाएंगे। छोटे-छोटे व्यापारी खत्म हो जाएंगे। साप्ताहिक बाजारों का नामोनिशान नहीं रहेगा, जबकि इस कारोबार से देश भर के साढ़े चार करोड़ से अधिक लोग जुड़े हैं। बंगाल में हो रहे चुनाव के बारे में कहा कि इससे उनको कोई मतलब नहीं है, लेकिन वहां के किसानों को वह जागरुक करके आएं हैं।

उन्होने बताया कि वहां अब केन्द्र सरकार के नुमाइन्दे किसानों से चावल मांगेगी तो वहां के किसान एमएसपी के हिसाब से भुगतान की बात कहेंगे। उन्‍होंने कहा कि यहां से वे मध्‍य प्रदेश जाएंगे। मध्य प्रदेश की दो रैलियों में शामिल होने के लिए वह बंगाल से यहा पहुंचे। 14 और 15 मार्च को उनका कार्यक्रम है। यहां से वह मध्य प्रदेश के रींवा में हाेने वाले कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए दोपहर में चले गये। इसके बाद उड़ीसा, कर्नाटक, हरियाणा और उत्तराखंड जाकर किसानों को जागरुक करने का काम करेंगे।


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